राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने जानकारी दी कि 4.7 लाख से ज्यादा पायरेटेड NCERT टेक्स्टबुक जब्त की गईं हैं. एक लिखित उत्तर में ये जानकारी दी गई है.
Education Ministry on pirated NCERT textbooks: शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि 2024 से अब तक 4.7 लाख से ज्यादा पायरेटेड NCERT टेक्स्टबुक जब्त की गईं हैं. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने उच्च सदन में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी साझा की. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, जयंत चौधरी ने बताया कि “देश के विभिन्न हिस्से से NCERT टेक्स्टबुक्स की पायरेसी के मामले सामने आए हैं. वर्ष 2024 और 2025 के दौरान, विभिन्न राज्यों में विभिन्न अभियानों में NCERT पाठ्यपुस्तकों की लगभग 4.71 लाख पायरेटेड प्रतियां जब्त की गई हैं. पायरेसी मुख्य रूप से बेईमान तत्वों के व्यावसायिक उद्देश्यों से प्रेरित है.”
जयंत चौधरी ने बताया NCERT का उद्देश्य
जयंत चौधरी ने कहा, “NCERT का मुख्य उद्देश्य देश भर के हर छात्रों को बिना किसी लाभ और हानि के, बेहद किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराना है.” पायरेसी पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए, राज्य मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में, NCERT ने पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों के निर्माताओं और विक्रेताओं, अवैध एनसीईआरटी वॉटरमार्क वाले कागज के निर्माताओं के रिकॉर्ड 29 परिसरों पर छापे मारे हैं और 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का स्टॉक और मशीनरी जब्त की है. NCERT ने पायरेसी की जड़ पर प्रहार करने के लिए कई सक्रिय कदम भी उठाए हैं. जिनमें एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की कीमत में 20 प्रतिशत की कमी, एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की समय पर छपाई, कागज़ और छपाई की गुणवत्ता में सुधार (आधुनिक मशीनों का उपयोग करके), और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से पाठ्यपुस्तकों की ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देना शामिल है.
क्या होती है टेक्स्टबुक की पायरेसी?
जयंत चौधरी ने कहा, “NCERT ने छठी कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक की दस लाख प्रतियों पर एक तकनीक-आधारित एंटी-पायरेसी समाधान का पायलट परीक्षण भी किया है. इस तकनीक-आधारित समाधान को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर द्वारा विकसित और पेटेंट कराया गया है.” बता दें कि पाठ्यपुस्तकों की पायरेसी अवैध रूप से उनकी प्रतियां बनाकर या डिजिटल रूप में साझा करके की जाती है. लोग किताबों को स्कैन करके पीडीएफ बनाते हैं या फोटोकॉपी के जरिए बेचते हैं. अनधिकृत वेबसाइट्स, टोरेंट, या सोशल मीडिया पर मुफ्त डाउनलोड लिंक साझा किए जाते हैं. यह लेखकों और प्रकाशकों को वित्तीय नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि उनकी सहमति के बिना सामग्री का उपयोग होता है. पायरेसी रोकने के लिए कॉपीराइट नियमों का कड़ाई से पालन और लोगों में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है. कई मौकों पर पायरेसी के मामले सामने आए हैं.
ये भी पढ़ें- करियर बदलने से पहले जरूर करें ये काम, जानिए क्या कहती है एक्सपर्ट्स की ‘टू-डू लिस्ट’
