Sri Ganganagar Christmas Guidelines: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के शिक्षा विभाग ने स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि क्रिसमस का त्योहार बच्चों पर थोपा न जाए.
24 December, 2025
Sri Ganganagar Christmas Guidelines: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को आदेश जारी किया है कि क्रिसमस का त्योहार बच्चों पर थोपा न जाए. शिक्षा विभाग ने स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान स्टूडेंट्स को सांता क्लॉज के कपड़े पहनने के लिए मजबूर करने पर कड़ी कार्रवाई होगी. 22 दिसंबर को अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी अशोक वधवा द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि अगर इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी.
दबाव डालने पर होगा एक्शन
वधवा ने कहा कि स्कूलों को ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए स्टूडेंट्स या माता-पिता पर बेवजह दबाव नहीं डालना चाहिए. आदेश में कहा गया है, “अगर कोई स्कूल स्टूडेंट्स को मजबूर करता पाया गया तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.” वधवा ने कहा कि अगर क्रिसमस से जुड़ी गतिविधियां माता-पिता और बच्चों की सहमति से आयोजित की जाती हैं तो कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, अगर स्टूडेंट्स को मजबूर किया जाता है या माता-पिता पर दबाव डाला जाता है, तो संबंधित स्कूल मैनेजमेंट ज़िम्मेदार होगा और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

‘माता-पिता की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए’
शिक्षा विभाग के आदेश में यह भी बताया गया है कि 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो साहिबजादों (गुरु गोबिंद सिंह के बेटों) के सर्वोच्च बलिदान की याद में है, इसलिए स्कूलों को संतुलन और संवेदनशीलता के साथ कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. विभाग ने कहा कि माता-पिता की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए. 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन कई स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बच्चों को सांता क्लॉज बनकर आने के लिए मजबूर किया जाता है. ऐसे में कई अभिभावकों को परेशानी होती है. शिकायत मिलने पर शिक्षा विभाग ने मामले पर संज्ञान लिया है.
शिकायत के बाद आदेश जारी
बता दें भारत-तिब्बत सहयोग मंच द्वारा ज़िला शिक्षा अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया. ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि हाल के सालों में कुछ स्कूल बच्चों को सांता क्लॉज़ के कपड़े पहनने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिससे माता-पिता में नाराजगी है. संगठन ने कहा कि श्रीगंगानगर मुख्य रूप से हिंदू-सिख बहुल इलाका है और किसी खास परंपरा को थोपा नहीं जाना चाहिए.
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