OTT ने निश्चित रूप से थिएटर व्यवसाय को प्रभावित किया है. लेकिन लंबे समय में यह फिर से बदल जाएगा क्योंकि थिएटर में हमें जो अनुभव मिलता है, वह ओटीटी पर नहीं है.
New Delhi: ‘ग्राउंड जीरो’ के निर्देशक तेजस प्रभा विजय देउस्कर का कहना है कि OTT प्लेटफार्म ने थिएटर व्यवसाय को प्रभावित किया है, लेकिन लोग अंततः सिनेमा स्क्रीन पर वापस जाएंगे. ‘बकेट लिस्ट’, ‘छतरीवाली’ और ‘अजिंक्य’ जैसी फिल्मों के लिए भी जाने जाने वाले निर्देशक ने कहा कि मूवी थिएटर में फिल्म देखने की तुलना में कुछ भी नहीं है. हमें यह स्वीकार करना होगा कि लोग ओटीटी के बारे में जानते हैं और निश्चित रूप से अपने घर में फिल्म देखना आरामदायक है. ऐसे कई लोग हैं, जो इसका विकल्प चुन रहे हैं. इसने निश्चित रूप से थिएटर व्यवसाय को प्रभावित किया है. लेकिन लंबे समय में, यह फिर से बदल जाएगा क्योंकि थिएटर में हमें जो अनुभव मिलता है, वह ओटीटी पर मिलने वाले अनुभव की तुलना में कहीं नहीं है.
‘ग्राउंड जीरो’ अप्रैल में हुई थी रिलीज
निर्देशक तेजस प्रभा विजय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यह ऐसा दौर है जब लोग ओटीटी का विकल्प चुन रहे हैं लेकिन अंतत: वे सिनेमाघरों की ओर लौटेंगे. निर्देशक की नई फिल्म ‘‘ग्राउंड जीरो’’ इस साल अप्रैल में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी जिसमें इमरान हाशमी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे की मुख्य भूमिका में हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या इस परियोजना के लिए हाशमी पहली पसंद थे. निर्देशक ने कहा कि उन्होंने हमेशा लोगों को उनकी लोकप्रिय छवि के विपरीत कास्ट करने की कोशिश की है. जब आप इस तरह की अजीबोगरीब कास्टिंग करते हैं, तो आप कुछ नयापन लेकर आते हैं और इमरान एक बेहतरीन अभिनेता हैं. उन्होंने पहले ही दूसरी फिल्मों में साबित कर दिया है कि वे एक अलग स्तर पर पहुंच सकते हैं.
विषय को भावनात्मक और तार्किक रूप से समझना जरूरी
कहा कि हालांकि वे अपनी रोमांटिक भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं, लेकिन एक अभिनेता के तौर पर वे इससे कहीं ज़्यादा कुछ कर सकते हैं. तेजस प्रभा विजय ने कहा कि फिल्म बनाते समय उन्होंने जो सबसे बड़ी सीख ली, वह यह थी कि किसी विषय को भावनात्मक और तार्किक रूप से समझना ज़रूरी है. मैं अपनी कला में सुधार कर रहा हूं, मैं अपने तकनीकी ज्ञान में सुधार कर रहा हूं, लेकिन इससे भी ज़्यादा मैं एक फिल्म निर्माता के तौर पर महसूस करता हूं. आपको विषय को भावनात्मक और तार्किक रूप से भी समझना चाहिए.
‘ग्राउंड जीरो’ दर्शकों पर प्रभाव डालने वाली फिल्म
कहा कि मैंने अपने रास्ते में सीखा है कि जब आप किसी कहानी को देखते हैं, तो यह सिर्फ़ एक कमर्शियल फिल्म बनाने के नज़रिए से नहीं होता. भावनाएं सबसे महत्वपूर्ण होती हैं. देओस्कर इस बात से खुश हैं कि लोग “ग्राउंड ज़ीरो” की कहानी से किस तरह जुड़ रहे हैं. मैं जो फिल्म बनाना चाहता था और दर्शकों पर जो प्रभाव डालना चाहता था, मैं वास्तव में वैसा करने में सक्षम रहा हूं. मालूम हो कि तम्हाणकर निर्देशित ‘ग्राउंड जीरो’ 25 अप्रैल को रिलीज हो चुकी है. इसका निर्माण फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है.