Trump’s Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील के बाद अब कनाडा पर लगाया भारी शुल्क, जवाबी कार्रवाई पर और बढ़ेगा टैक्स.
Trump’s Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप का कनाडा पर टैरिफ बम न केवल दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि इससे वैश्विक व्यापारिक माहौल भी अस्थिर हो सकता है. अब सबकी नजर कनाडा की प्रतिक्रिया पर है, की क्या वो चुप रहेंगे या जवाबी कार्रवाई की ओर कदम बढ़ाएंगे?
अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर बड़ा टैरिफ लगा दिया है. ट्रंप प्रशासन ने कनाडा से आयात होने वाले सभी सामानों पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। इससे पहले ट्रंप ब्राजील पर भी टैरिफ लगा चुके हैं और अब उनका अगला निशाना कनाडा बना है.
कनाडा पर क्यों भड़के ट्रंप?
ट्रंप ने गुरुवार शाम एक पत्र जारी कर कनाडा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि कनाडा अमेरिका के डेयरी किसानों के साथ “अनुचित व्यवहार” कर रहा है. उन्होंने कहा,“कनाडा हमारे किसानों पर 400 प्रतिशत टैक्स लगाता है, जब हमें वहां अपने उत्पाद बेचने की इजाजत मिलती है. अब वक्त आ गया है कि अमेरिका भी अपने व्यापारिक हितों की रक्षा करे.” इसके अलावा, ट्रंप ने फेंटानिल जैसी मादक दवाओं की कनाडा से अमेरिका में हो रही कथित आपूर्ति को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है.

जवाबी कार्रवाई पर दी कड़ी चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर कनाडा इस टैरिफ के जवाब में कोई जवाबी शुल्क लगाता है, तो अमेरिका टैरिफ को 35 प्रतिशत से और भी ज्यादा बढ़ा सकता है. उन्होंने कहा, “अगर कनाडा ने अमेरिका को चुनौती दी, तो हमें और कड़े फैसले लेने पड़ेंगे। हम अपने लोगों और उद्योगों के लिए खड़े रहेंगे.”
ब्राजील, जापान और कोरिया भी ट्रंप की रडार पर
कनाडा से पहले ट्रंप ने ब्राजील पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिससे वहां की सरकार भड़क उठी थी. ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने इसे आर्थिक युद्ध की शुरुआत बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी. ट्रंप प्रशासन द्वारा इस सप्ताह कई देशों, जापान, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका पर भी व्यापारिक टैरिफ लगाए गए हैं। इससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है.
क्या होगा असर?
कनाडा अमेरिका का एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है, खासकर डेयरी, स्टील, ऑटो और तकनीकी उपकरणों के क्षेत्र में. ऐसे में 35% टैरिफ का सीधा असर दोनों देशों की कंपनियों और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कीमतें बढ़ेंगी, और व्यापारिक रिश्तों में और कड़वाहट आ सकती है.
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