Sheikh Hasina: यह मामला उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से संबंधित है, जिन्हें अदालत ने अपनी कार्यवाही के खिलाफ अवमाननापूर्ण माना.
Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक ऐतिहासिक फैसले में ढाका की एक अदालत ने अदालत की अवमानना के मामले में दोषी ठहराया है. यह पहला मौका है जब देश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद शेख हसीना को किसी मामले में दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने उन्हें छह महीने की जेल की सजा सुनाई है, जिसने बांग्लादेश की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. यह फैसला 2 जुलाई 2025 को सुनाया गया, और इसे देश के बदलते राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है. शेख हसीना, जो लंबे समय तक बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज रही हैं, को अगस्त 2024 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. इसके बाद से वह देश छोड़कर भारत में शरण लिए हुए हैं. उनके खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही थी, और अदालत की अवमानना का यह मामला उनमें से एक है.
ख हसीना के समर्थकों और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं में रोष
सूत्रों के अनुसार, यह मामला उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से संबंधित है, जिन्हें अदालत ने अपनी कार्यवाही के खिलाफ अवमाननापूर्ण माना. कोर्ट के इस फैसले ने शेख हसीना के समर्थकों और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं में रोष पैदा कर दिया है. उनके समर्थकों का कहना है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद शेख हसीना की छवि को धूमिल करना है. दूसरी ओर, वर्तमान सरकार और उनके समर्थकों का कहना है कि यह फैसला कानून के शासन को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है. शेख हसीना के खिलाफ यह सजा ऐसे समय में आई है जब बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है.
अवामी लीग और अन्य विपक्षी दलों के बीच तनाव
तख्तापलट के बाद देश में नई सरकार का गठन हुआ, लेकिन अवामी लीग और अन्य विपक्षी दलों के बीच तनाव बना हुआ है. शेख हसीना की अनुपस्थिति में अवामी लीग के कई नेता भूमिगत हो गए हैं, जबकि कुछ ने देश छोड़ दिया है. इस बीच, नई सरकार ने भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों में कई पूर्व मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. यह भी उल्लेखनीय है कि शेख हसीना को पहले भी कई आपराधिक मामलों में नामित किया गया है.उदाहरण के लिए, 1994 में उनके खिलाफ एक ट्रेन हमले का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्हें मारने की साजिश का आरोप था. हालांकि, उस मामले में हाल ही में बांग्लादेश हाई कोर्ट ने सभी दोषियों को बरी कर दिया था. इस तरह के फैसलों ने शेख हसीना के समर्थकों को यह कहने का मौका दिया है कि उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाइयां बदले की भावना से प्रेरित हैं.
भारत में रह रही हैं शेख हसीना
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस फैसले पर अपनी नजर रखी है. भारत, जहां शेख हसीना वर्तमान में रह रही हैं, ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि यह फैसला भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी असर डाल सकता है. यह सजा शेख हसीना के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है, जो लंबे समय तक बांग्लादेश की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक रही हैं. उनके समर्थक इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं, जबकि उनके विरोधी इसे न्याय की जीत के रूप में देख रहे हैं.
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