Pakistan-India Relations: बिलावल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत और पाकिस्तान को शांति के लिए बातचीत करनी चाहिए, लेकिन भारत हर बार कोई न कोई बहाना बना देता है.
Pakistan-India Relations: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने शनिवार को वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने के लिए बातचीत से बचने के लिए लगातार बहाने बना रहा है. बिलावल ने भारत के खिलाफ कई विवादास्पद बयान दिए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत हर बार बातचीत से बचने के लिए नए-नए बहाने बनाता है. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने अपनी वैश्विक छवि सुधारने के लिए विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं.
‘भारत के बहाने खत्म हो चुके हैं’
बिलावल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत और पाकिस्तान को शांति के लिए बातचीत करनी चाहिए, लेकिन भारत हर बार कोई न कोई बहाना बना देता है. कभी सेना और सरकार का बहाना, कभी अंतरराष्ट्रीय राजनीति का, तो कभी यह कहता है कि सभी मुसलमान आतंकवादी हैं, इसलिए पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे. अब ये सब बहुत हो गया.” उन्होंने भारत पर बातचीत से इनकार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत न तो अमेरिका, न संयुक्त राष्ट्र और न ही किसी अन्य की मदद चाहता है और न ही पाकिस्तान से सीधे बात करना चाहता है. बिलावल ने इसे “समझ से परे” करार दिया.
‘सीजफायर शुरुआत, बातचीत जरूरी’
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने भारत से बातचीत के लिए अपील करते हुए कहा, “भारत को समझाया जाना चाहिए कि वह अपना गलत फैसला वापस ले और बातचीत के लिए आगे आए.” उन्होंने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम को “शुरुआत” बताते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए भारत के साथ सभी विवादों पर खुलकर बातचीत जरूरी है. बिलावल ने दावा किया कि पाकिस्तान ने युद्धविराम इस उम्मीद के साथ माना था कि आगे बातचीत होगी. उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, जो भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए जरूरी है. सीजफायर ठीक है, लेकिन आज हम पहले से ज्यादा खतरे में हैं. यह खतरा सिर्फ दोनों देशों के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र और विश्व के लिए है.”
पाकिस्तान की कूटनीतिक कोशिशें
ऑपरेशन सिंदूर, जिसके तहत भारत ने 6-7 मई को पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, के बाद पाकिस्तान ने वैश्विक मंच पर अपनी बात रखने के लिए न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन, लंदन और ब्रुसेल्स जैसे शहरों में प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं. बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल भारत के खिलाफ अपनी कथित “आक्रामकता” को उजागर करने की कोशिश कर रहा है. बिलावल ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए तैयार हैं.
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने बिलावल के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति “शून्य सहनशीलता” की है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक लक्षित कार्रवाई थी, और भारत बातचीत से पहले पाकिस्तान से आतंकवाद पर ठोस कदम उठाने की उम्मीद करता है.
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