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कोविड-19 वैक्सीनेशन से दुनियाभर में टलीं 25 लाख से ज्यादा मौतें, स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

by Vikas Kumar
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Covid-19 Vaccination

इटली के मिलान स्थित कैथोलिक यूनिवर्सिटी और अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कोविड-19 वैक्सीनेशन पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है.

COVID-19 vaccinations: कोविड-19 के टीकों पर यूं तो कई सवाल लगातार खड़े होते रहे हैं. हालांकि, जारी बवाल के बीच एक स्टडी ने चौंकाने वाला दावा किया है. एक अध्ययन का अनुमान है कि कोविड-19 टीकों ने 2020 और 2024 के बीच दुनिया भर में 25 लाख से ज़्यादा मौतों को रोकने में मदद की है – हर 5,400 खुराक में से एक मौत टल गई. द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) हेल्थ फोरम में पब्लिश निष्कर्ष “2020-2024 के दौरान कोविड-19 टीकाकरण से होने वाले व्यापक लाभ को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करते हैं”, जिसमें 90 प्रतिशत लाइफ सेविंग बेनेफिट्स दुनिया के वृद्धों को मिले. इटली के मिलान स्थित कैथोलिक यूनिवर्सिटी और अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दुनिया भर की आबादी पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण करके कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या और टीकाकरण से पहले या बाद में उनकी मृत्यु का अनुमान लगाया.

कैथोलिक यूनिवर्सिटी के आंकड़े

कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ मिलान में जनरल एंड अप्लाइड हाइजीन के रिसर्चर्स , लेखक एंजेलो मारिया पेजुल्लो ने कहा, “हमने इस आंकड़ों की तुलना कोविड-19 टीकाकरण के अभाव में तैयार किए गए अनुमानित आंकड़ों से की और फिर कोविड-19 टीकों से बचाए गए लोगों की संख्या और उनके परिणामस्वरूप प्राप्त जीवन वर्षों की गणना करने में सक्षम हुए.” टीम ने यह भी पाया कि टीकों से बचाई गई 82 प्रतिशत जानें उन लोगों की थीं जिन्हें वायरस का सामना करने से पहले टीके लग गए थे, 57 प्रतिशत ओमिक्रॉन अवधि के दौरान, और बचाई गई 90 प्रतिशत जानें 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की थीं. रिसर्चर्स ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण ने 14.8 मिलियन जीवन वर्ष बचाने में भी मदद की – प्रत्येक 900 टीके लगाने पर एक वर्ष का जीवन बचा. इसके अलावा, बचाए गए जीवन वर्षों में से लगभग तीन-चौथाई 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों से संबंधित थे. मिलान के कैथोलिक यूनिवर्सिटी में जनरल एंड अप्लाइड हाइजीन की प्रोफेसर, लेखिका स्टेफानिया बोशिया ने कहा, “हमारे अध्ययन से पहले, कई अध्ययनों ने विभिन्न मॉडलों के साथ और दुनिया के विभिन्न अवधियों या भागों में टीकों द्वारा बचाई गई जानों का अनुमान लगाने की कोशिश की थी.” हालांकि, बोशिया ने कहा, “यह स्टडी सबसे व्यापक है क्योंकि यह विश्वव्यापी आंकड़ों पर आधारित है, यह ओमिक्रॉन अवधि को भी कवर करता है, यह बचाए गए जीवन के वर्षों की संख्या की भी गणना करता है, और यह महामारी के रुझान के बारे में कम मान्यताओं पर आधारित है.”

लेखिका स्टेफानिया बोशिया ने क्या कहा?

लेखिका स्टेफानिया बोशिया ने लिखा, “मुख्य विश्लेषण में, 25 लाख से ज्यादा मौतें टाली गईं (प्रति 5,400 टीका खुराक पर एक मौत टाली गई). 82 प्रतिशत मौतें उन लोगों में हुईं जिन्हें किसी भी संक्रमण से पहले टीका लगाया गया था, 57 प्रतिशत मौतें ओमिक्रॉन अवधि के दौरान हुईं, और 90 प्रतिशत मौतें 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों से संबंधित थीं.” JAMA हेल्थ फ़ोरम में प्रकाशित एक आमंत्रित टिप्पणी लेख में, कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी , सैन फ्रांसिस्को के एड्स अनुसंधान केंद्र की मोनिका गांधी लिखती हैं, “टीके जीवन बचाते हैं और इस महामारी से निपटने का एकमात्र उपाय हमेशा से प्रतिरक्षा ही रहा है; किसी वृद्ध व्यक्ति को प्राकृतिक संक्रमण की तुलना में टीके के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रदान करना कहीं अधिक सुरक्षित है.” मोनिका गांधी ने आगे कहा कि भविष्य में महामारी की संभावना को देखते हुए, अध्ययन में इस्तेमाल और प्रस्तुत किए गए मॉडल व्यापक रूप से प्रतिबंधात्मक नीतियों से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद कर सकते हैं, साथ ही उन लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.

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