Home Latest News & Updates रूस के कलमीकिया में बुद्ध के अवशेषों को देखने आए 90 हजार श्रद्धालु, इस तारीख को लाया जाएगा भारत

रूस के कलमीकिया में बुद्ध के अवशेषों को देखने आए 90 हजार श्रद्धालु, इस तारीख को लाया जाएगा भारत

by Sachin Kumar
0 comment

Sacred relics of the Buddha : भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने पहले बताया था कि यह एक महत्वपूर्ण तिब्बती बौद्ध केंद्र है, जिसे 1996 में जनता के लिए खोला गया था और यह कलमीक मैदानों से घिरा हुआ है.

Sacred relics of the Buddha : रूस के कलमीकिया स्थित एक मठ में स्थापित भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के एक हिस्से की प्रदर्शन को देखने के लिए अभी तक 90 हजार श्रद्धालु आए. इन अवशेषों को मूल रूप से राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है और भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान से रूस लाए गए, जहां 11 अक्टूबर को कलमीकिया गणराज्य की राजधानी एलिस्टा पहुंचे हैं. प्रदर्शनी के एक भाग के बाद एलिस्टा के मुख्य बौद्ध मठ जिसे गेडेन शेडुप चोइकोरलिंग मठ के नाम से जाना जाता है और इसको अस्थायी रूप से स्थापित किया गया, जिसे शाक्यमुनि बुद्ध का स्वर्णिम निवास भी कहा जाता है.

मनोज सिन्हा पहुंचे एलिस्टा

भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने पहले बताया था कि यह एक महत्वपूर्ण तिब्बती बौद्ध केंद्र है, जिसे 1996 में जनता के लिए खोला गया था और यह कलमीक मैदानों से घिरा हुआ है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शुक्रवार एलिस्टा पहुंचे और 19 अक्टूबर को पवित्र अवशेषों को भारत वापस लाने के लिए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल को नेतृत्व करेंगे. अवशेषों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद स्थानीय मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी भारत और रूस के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेगी. आध्यात्मिक भक्ति और साझा सांस्कृतिक विरासत के एक प्रभावशाली प्रदर्शनी को रूस के कलमीकिया गणराज्य में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है.

मनोज सिन्हा का हुआ भव्य स्वागत

बता दें कि बुद्ध के पवित्र अवशेषों को पहले 24-28 सितंबर तक कलमीकिया में एक प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया जाना था. सूत्रों ने बताया था कि यह देरी कुछ अप्रत्याशित तार्किक और तकनीकी परिस्थितियों के कारण हुई. बयान में कहा गया कि मनोज सिन्हा के आगमन पर कलमीकिया सरकार के प्रथम उप-सभापति त्सेरेनोव एर्दनी निकोलायेविच उप, उप-सभापति दज़ाम्बिनोव ओचिर व्लादिमीरोविच और भारत के उप-मिशन प्रमुख निखिलेश गिरि ने उनका स्वागत किया. भारत की राष्ट्रीय धरोहर माने जाने वाले पवित्र अवशेषों को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और वरिष्ठ भारतीय भिक्षुओं के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राजधानी एलिस्टा लाया गया.

यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव पर शाह ने साधा निशाना, कहा- ‘नया मुखौटा पहने जंगल राज’ पर भरोसा मत करना

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?