Home Top News PM-CM को हटाने वाले विधेयक को TMC ने बताया तमाशा, कहा- JPC के सदस्य नामित नहीं करेंगे

PM-CM को हटाने वाले विधेयक को TMC ने बताया तमाशा, कहा- JPC के सदस्य नामित नहीं करेंगे

by Sachin Kumar
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TMC calls JPC on bills to remove PM CMs farce

PM-CM Bill : पीएम और सीएम को गिरफ्तार करने वाले बिल का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है. इसी बीच तृणमूल कांग्रेस ने इन बिल को जेपीसी के पास भेजने पर तमाशा बताया है.

PM-CM Bill : तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हटाने वाले तीन विधेयक का विरोध किया और इन बिल के जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को तमाशा करार दिया. पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इसमें कोई सदस्य नहीं भेजेगी. इन तीन बिलों में केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 को बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया. इन्हें संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया. TMC ने अपने एक बयान में कहा कि 130वें संशोधन विधेयक का पेश होने के बाद हम इसका विरोध करते हैं और हमारा स्पष्ट मानना है कि जेपीसी एक दिखावा है.

विपक्ष ने बिल के खिलाफ किया प्रदर्शन

AITC ने कहा हमारी तरफ से कोई भी सदस्य नामित नहीं किया जाएगा. प्रस्तावित बिल में गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं. मानसूत्र में लाए गए इस बिल से विपक्ष उबल पड़ा है और वह संसद के अंदर इसका विरोध कर रहा है. लोकसभा में पेश करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिल पेश करने के लिए आगे बढ़े तो विपक्ष ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया. इस दौरान विपक्ष ने बिल की प्रतियों को फाड़कर, फेंक दी. सत्तारूढ़ और विपक्ष के सदस्य आमने-सामने आ गए. दोनों सदनों ने इन विधेयकों को जेपीसी को भेजने का प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल हैं.

पहले भी ममता बनर्जी ने किया था विरोध

बताया जा रहा है कि समिति को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है, जो नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होने की संभावना है. टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने पहले भी इन विधेयकों की आलोचना की और उन्हें सुपर आपातकाल बताया. साथ ही लोकतांत्रिक युग को हमेशा के लिए खत्म की दिशा में एक कदम बताया था. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि इन विधेयकों का उद्देश्य एक व्यक्ति और एक पार्टी को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान को खुलेआम रौंदने का काम करेंगे, चुनी हुई सरकार पर सीधा प्रतिघात करने का काम करेगा.

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