Israel-Iran Ceasefire : इजरायली हमले में ईरान में जिन सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिकों की मौत हुई है, उनके प्रति तेहरान की सड़कों पर शोक व्यक्त किया गया. इस दौरान भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए.
Israel-Iran Ceasefire : इजरायल और ईरान के बीच में फिलहाल के लिए संघर्ष विराम हो गया है. हालांकि, यह स्थाई नहीं है और अगर परमाणु के मुद्दे पर बात नहीं बनती है तो संघर्ष फिर से शुरू हो सकता है. इजरायल की तरफ से तेहरान में परमाणु ठिकानों पर हमला किया था और उस दौरान सैन्य कमांडर के साथ वैज्ञानिकों की भी मौत हो गई थी. इसी बीच शीर्ष कमांडर और वैज्ञानिकों के अंतिम संस्कार के लिए तेहरान की सड़कों पर हजारों शोक संतप्त लोग उमड़ पड़े. आपको बताते चलें कि रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल होसैन सलामी, गार्ड के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह और अन्य लोगों के ताबूतों को तेहरान में आजादी स्ट्रीट पर ट्रकों को ले जाया गया.
30 कमांडर और 11 वैज्ञानिकों की मौत
होसैन सलामी और आमिर अली हाजीजादेह की मौत इजरायल की तरफ से किए गए हमले के पहले दिन में ही हो गई थी. इस हमले के बाद इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था. इस हमले में इजरायल ने मुख्य रूप से सैन्य कमांडरों, वैज्ञानिकों और परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया गया था. वहीं, सीजफायर का एलान होने से करीब 12 दिन पहले इजरायल ने दावा किया था कि हमले में करीब 30 ईरानी कंमाडर और 11 परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया था. इसके अलावा सैन्य बुनियादी ढांचे को भी निशाना बनाया गया था. दूसरी तरफ वाशिंगटन में स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ग्रुप के अनुसार, 417 नागरिक समेत 1 हजार लोग मारे गए थे.
परमाणु शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए बनाया
इसके अलावा ईरान ने भी इजरायल के ऊपर 550 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी और उसमें कई को रोक दिया गया था. लेकिन जिन मिसाइलों को रोका नहीं जा सका उन्हें तेल अवीव में तबाही मचाने का काम किया था और इस हमले में इजरायल के 28 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, युद्ध विराम के बाद कमांडरों के लिए पहला सार्वजनिक अंतिम संस्कार था और ईरानी राज्य टेलीविजन ने बताया कि इसमें कुल 60 लोग शामिल हुए थे. अधिकारियों ने सरकारी कार्यालयों को बंद कर दिया था ताकि सराकरी कर्मचारी भारी मात्रा में अंतिम संस्कार समारोह में शामिल हो सके. बता दें कि ईरान ने हमेशा कहा है कि परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, लेकिन इजरायल इसे अपने अस्तित्व से जोड़कर पेश करता हुआ आया है.
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