Donald Trump on Iran: ट्रंप का बयान सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा. आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी ज्यादा राजनीतिक और सामरिक तनाव का कारण बन सकता है.
Donald Trump on Iran: ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में खत्म हुए 12 दिन के संघर्ष के बाद भले ही युद्धविराम हो चुका हो, लेकिन तनाव थमा नहीं है. इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर तीखा बयान देकर वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है. ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि “अगर जरूरत पड़ी, तो अमेरिका दोबारा बम बरसाने से पीछे नहीं हटेगा.”
ईरान के परमाणु ठिकानों को बताया खतरा
ट्रंप का दावा है कि हाल ही में अमेरिकी हमलों ने ईरान के प्रमुख न्यूक्लियर प्लांट्स को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. हालांकि ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कोई खास नुकसान नहीं हुआ. लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग की मानें तो ईरान के कई संवेदनशील परमाणु केंद्र अब निष्क्रिय हो चुके हैं.
अमेरिका-इजरायल की बढ़ती चिंता
बता दें, अमेरिका और इजरायल दोनों ही देशों को डर है कि ईरान भी उत्तर कोरिया और पाकिस्तान की तरह एक दिन परमाणु हथियार संपन्न देश न बन जाए. अमेरिका का कहना है कि ईरान के पास यूरेनियम संवर्धन की तकनीक है और अगर उस पर लगाम न लगी तो इससे वैश्विक सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है.
खुफिया रिपोर्टों में विरोधाभास
अमेरिका की खुफिया रिपोर्टों का दावा है कि हमला होने से पहले ईरान के यूरेनियम स्टॉक को हटाया नहीं गया था। दूसरी ओर इजरायल का कहना है कि यह यूरेनियम अब भी इस्फहान की अंडरग्राउंड सुरंगों में मौजूद है. वहीं व्हाइट हाउस का बयान कुछ और ही कहता है, उनका कहना है कि “कोई ठोस सबूत नहीं है कि ईरान के पास अब भी यूरेनियम मौजूद है.”
परमाणु हथियारों की वैश्विक तस्वीर
स्वीडन के थिंक टैंक SIPRI की ताजा रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में इस वक्त लगभग 3,904 सक्रिय परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 90% अमेरिका और रूस के पास हैं. भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी इस दौड़ में शामिल हैं. अगर ईरान भी इस लिस्ट में शामिल होता है, तो यह पूरी दुनिया की शांति और स्थिरता के लिए खतरे की घंटी बन सकता है.
गाजा संघर्ष और कूटनीतिक समीकरण
वहीं, गाजा युद्ध अब थमता दिख रहा है. अमेरिका, इजरायल, यूएई और मिस्र के बीच हुए अब्राहम समझौते के तहत गाजा में संयुक्त प्रशासन की बात चल रही है. लेकिन ट्रंप के ताजा बयान और ईरान के इरादों को लेकर फैली आशंका इस कूटनीति को भी कमजोर कर सकती है.
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