Israel–Iran Conflict : ईरान और यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों बातचीत विफल हो गई है. इसी बीच ईरान ने कहा कि आगे भी कूटनीतिक स्तर पर बातचीत का रास्ता खुला हुआ है.
Israel–Iran Conflict : इजरायल और ईरान के बीच में जारी संघर्ष अभी ठहरा नहीं है. इसी बीच कूटनीतिक स्तर पर ईरान के विदेश मंत्री और यूरोप के विदेश मंत्रियों के बीच में शुक्रवार को चार घंटे की बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला. इसी कड़ी में दोनों देशों के बीच में जारी युद्ध दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है. वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) अमेरिकी सैन्य भागीदारी पर विचार कर रहे थे और परमाणु रिएक्टरों पर संभावित हमलों को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं. दूसरी तरफ यूरोपीय अधिकारियों ने भविष्य की वार्ता के लिए आशा व्यक्त की और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि वह आगे के लिए पूरी तरह से तैयार है.
बातचीत के लिए हमेशा रास्ता खुला
ईरानी विदेशी मंत्री ने यूरोपीय विदेश मंत्रियों से आगे की बातचीत के लिए रास्ता खुला रखा है. हालांकि, उसने अमेरिका के साथ बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि इजरायल लगातार हमला कर रहा है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अगर आक्रामकता बंद हो जाती है और हमलावर को उसके लिए किए गए अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है, तो ईरान कूटनीति पर विचार करने के लिए तैयार है. विदेश मंत्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अगर आक्रामकता बंद हो जाती है और हमलावर को उसके किए गए अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है, तो ईरान कूटनीति पर विचार करने के लिए तैयार है.
परमाणु कार्यक्रम बनेगा इजरायल के लिए खतरा
फिलहाल के लिए यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों से बातचीत के लिए अगली तारीख तय नहीं हुई है. इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (PM Benjamin Netanyahu) ने कहा कि ईरान में इजरायल का सैन्य अभियान जितना समय लगेगा जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइलों की शस्त्रागार के अस्तित्व के लिए खतरा खत्म नहीं हो सके. ईरान की भूमिगत फोर्डो यूनेरियम संवर्धन सुविधा को अमेरिका के बंकर-बस्टर बमों को छोड़कर किसी की पहुंच से बाहर माना जाता है. ट्रंप ने कहा कि वह ईरान के खिलाफ इजरायल के हवाई अभियान में शामिल होने के बारे में फैसला दो सप्ताह तक टालेंगे. बता दें कि इजरायल ने ईरान के खिलाफ के बीच 13 जून को शुरू हुआ जिसमें इजरायली हवाई हमलों ने परमाणु और सैन्य स्थलों, शीर्ष जनरलों समेत परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया.
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