Iran: 13 जून को शुरू हुए इस युद्ध में इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं.
Iran: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई इजरायल के साथ 12 दिन तक चले भीषण युद्ध के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए. गुरुवार को उन्होंने तेहरान में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान हजारों की भीड़ ने उनके समर्थन में नारे लगाए. खामेनेई ने अपने संबोधन में इजरायल को “झूठा जायोनी शासन” करार देते हुए ईरान की जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ने इजरायल और अमेरिका को करारा जवाब दिया.
ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हुए थे हमले
13 जून को शुरू हुए इस युद्ध में इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं. युद्ध के दौरान खामेनेई के गायब होने की खबरें थीं. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वह अपने बेटे मोजतबा के साथ तेहरान के उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक गुप्त बंकर में छिपे थे.
अपने संबोधन में क्या बोले खामेनेई
खामेनेई ने अपने संबोधन में कहा कि ईरान ने न केवल इजरायल को कुचला, बल्कि अमेरिका के चेहरे पर भी तमाचा जड़ा. उन्होंने दावा किया कि अगर अमेरिका युद्ध में शामिल नहीं होता, तो इजरायल पूरी तरह नष्ट हो जाता. उनके इस बयान का समर्थन करते हुए भीड़ ने “मार्ग बार अमेरिका” और “मार्ग बार इजरायल” के नारे लगाए.
ईरानी सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित इस संबोधन की पहले से घोषणा की गई थी. खामेनेई ने कहा कि इस्लामी क्रांति की ताकत और जनता की एकता ने यह जीत संभव की. उन्होंने इजरायल के हमलों को “बड़ा अपराध” बताया और चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने दोबारा हमला किया, तो मध्य पूर्व में इसके ठिकानों पर तबाही मचेगी.
बेंजामिन नेतन्याहू ने खाई थी खामेनेई की हत्या की कसम
युद्ध के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खामेनेई की हत्या की बात कही थी. उन्होंने दावा किया था कि खामेनेई की मौत से युद्ध खत्म हो सकता है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस योजना पर रोक लगा दी थी. ट्रंप ने कहा था कि वह खामेनेई को अभी नहीं मारेंगे, क्योंकि ईरान ने किसी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचाया.
खामेनेई ने अपने भाषण में ईरानी सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की तारीफ की. उन्होंने कहा कि उनकी बहादुरी ने जायोनी शासन को घुटनों पर ला दिया. युद्धविराम के बाद भी दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है. ईरान ने साफ किया कि अगर इजरायल ने हमला किया, तो वह फिर से जवाबी कार्रवाई करेगा. इस जनसभा में खामेनेई की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. उनके संबोधन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लोगों ने उनके साहस और नेतृत्व की प्रशंसा की. यह पहली बार था जब युद्ध के बाद खामेनेई सार्वजनिक रूप से सामने आए.
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