Indo-Pak Relations: पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस फैसले की जानकारी देने के लिए भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें इस कार्रवाई के बारे में औपचारिक रूप से अवगत कराया.
Indo-Pak Relations: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य टकराव के बाद राजनयिक स्तर पर तनाव और गहरा गया है. मंगलवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें “अवांछित व्यक्ति” घोषित कर दिया और 24 घंटे के भीतर अपने-अपने देश छोड़ने का निर्देश जारी किया. यह कार्रवाई सीजफायर के बावजूद दोनों देशों के बीच कम न होने वाले तनाव को और उजागर करती है. भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को जासूसी के आरोप में निष्कासित किया, जबकि पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारतीय उच्चायोग के एक सदस्य को विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाकर देश छोड़ने का आदेश दिया. दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने इस संबंध में कड़े बयान जारी किए हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और तल्खी आने की आशंका बढ़ गई है.
पाकिस्तान की कार्रवाई, भारतीय राजनयिक पर आरोप
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक सदस्य को उनकी विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण “अवांछित व्यक्ति” घोषित किया गया है. बयान के मुताबिक, संबंधित अधिकारी को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस फैसले की जानकारी देने के लिए भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें इस कार्रवाई के बारे में औपचारिक रूप से अवगत कराया. हालांकि, पाकिस्तान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि भारतीय राजनयिक पर लगाए गए आरोपों का सटीक स्वरूप क्या है.
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई हाल के चार दिन के सैन्य टकराव के बाद बढ़े तनाव का हिस्सा है, जिसने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना दिया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत की ओर से की गई कार्रवाई का जवाब देने के लिए यह कदम उठाया गया है, जिसे पाकिस्तान ने “अनुचित” और “उकसावेपूर्ण” करार दिया है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय राजनयिक पर लगाए गए आरोपों का संबंध संवेदनशील जानकारी जुटाने या अन्य गैर-राजनयिक गतिविधियों से हो सकता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
इससे पहले भारत ने किया था पाकिस्तानी अधिकारी निष्कासित
इससे पहले, भारत ने भी मंगलवार को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक अधिकारी को जासूसी के आरोप में “अवांछित व्यक्ति” घोषित कर 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया. भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को भारत में आधिकारिक पद के अनुरूप नहीं होने वाली गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित किया है.” बयान के अनुसार, अधिकारी को 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है, और पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को इस संबंध में एक आपत्तिपत्र भी सौंपा गया. विदेश मंत्रालय ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि पाकिस्तानी अधिकारी पर लगाए गए आरोपों का सटीक स्वरूप क्या है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह मामला जासूसी से जुड़ा है, जिसकी जांच पंजाब पुलिस कर रही है. इस कार्रवाई को भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना है और इसे गंभीरता से लिया है.
पंजाब पुलिस की जांच और गिरफ्तारियां
पंजाब पुलिस ने रविवार को एक बयान में कहा कि उसने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी से जुड़ी जासूसी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर भारतीय सेना की गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं को लीक करने का आरोप है. पुलिस ने दावा किया कि यह जासूसी नेटवर्क सीमा पार से संचालित हो रहा था और इसमें शामिल लोग महत्वपूर्ण सैन्य जानकारी इकट्ठा कर रहे थे. इस मामले की जांच अभी जारी है, और पुलिस का कहना है कि इसमें और भी खुलासे हो सकते हैं. इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना दिया है.
बढ़ता तनाव और भविष्य की आशंकाएं
भारत और पाकिस्तान के बीच यह ताजा राजनयिक टकराव ऐसे समय में हुआ है, जब दोनों देशों के बीच हाल के सैन्य टकराव ने पहले ही तनाव को बढ़ा दिया था. सीजफायर के बावजूद, दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की राजनयिक कार्रवाइयां दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी को और गहरा करेंगी. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार की संभावनाएं पहले से ही कम थीं, और इस घटना ने स्थिति को और जटिल बना दिया है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर रखे हुए है, क्योंकि दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच बढ़ता तनाव क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा बन सकता है. दोनों देशों के बीच बातचीत और कूटनीतिक समाधान की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन मौजूदा माहौल में यह संभावना कम ही दिखाई देती है.
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