Ranil Wickremesinghe News : श्रीलंका में बड़ा राजनीतिक उलट फेर देखा गया. वहां पर पूर्व राष्ट्रपति को कथित तौर पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है.
Ranil Wickremesinghe News : श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को शुक्रवार को कोलंबो में आपराधिक जांच विभाग (CID) ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. पूर्व राष्ट्रपति की यह गिरफ्तारी राष्ट्राध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी धन का कथित रूप से दुरुपयोग करने के आरोप में हुई है. पुलिस ने बताया कि 76 वर्षीय रानिल विक्रमसिंघे को CID के मुख्यालय में गिरफ्तार किया गया, जहां उन्हें सरकारी धन के कथित दुरुपयोग की जांच को लेकर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया. इसके बाद उन्हें कोलंबो की एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया. बता दें कि विक्रमसिंघे साल 2022 से लेकर 2024 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे.
निजी कार्यक्रम में शामिल होने लेकर फंसे
रानिल विक्रमसिंघे के ऊपर सितंबर 2023 में अपनी पत्नी प्रोफेसर मैत्री के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए इंग्लैंड की यात्रा हेतु सरकारी धन का उपयोग करने का आरोप लगाया गया. आरोप यह लगाया गया कि विक्रमसिंघे एक ऑफिशियल प्रोग्राम के बाद अमेरिका से लौटने के दौरान अपनी पत्नी के निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सरकारी खर्च पर ब्रिटेन चले गए थे. CID ने सबसे उनकी कर्मचारियों से पूछताछ की थी. विक्रमसिंघे ने 2022 के आर्थिक संकट के बाद पद संभाला था और उन्हें संकट से उभारने के लिए जाना जाता है. साथ ही वह पांच दशकों से भी ज्यादा समय तक संसद में रहे हैं और छह अलग-अलग कार्यकालों में उन्होंने प्रधानमंत्री पद भी संभाला.
1993 में बनाए गए पहली बार प्रधानमंत्री
राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या के बाद 1993 से 1994 तक विक्रमसिंघे को पहली बार श्रीलंका प्रधानमंत्री बनाया गया. बीबीसी सिंहल के मुताबिक, राष्ट्रपति रहते हुए विक्रमसिंघे ने 23 विदेश यात्राएं की, जिन पर करीब 600 मिलियन श्रीलंकाई से ज्यादा का खर्चा आया. बता दें कि साल 1949 में श्रीलंका को आजादी मिलने के बाद विक्रमसिंघे 1977 में 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे और उन्होंने यूनिवर्सिटी के दिनों से ही यूनाइटेड नेशनल पार्टी की युवा लीग में काम करने शुरू कर दिया था. उस समय श्रीलंका के सबसे युवा मंत्री के रूप सामने आए थे और उस दौरान वह राष्ट्रपति जयवर्धने के अधिन विदेश मामलों के उप मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था. इसके बाद उन्हें युवा और रोजगार मंत्री के रूप में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया.
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