Sushila Karki Relation With India : नेपाल में तख्तापलट के बाद से नई सरकार की गठन की चर्चा तेज हो गई है. इस कड़ी में सुशीला कार्की का सबसे आगे चल रहा है.
Sushila Karki Relation With India : नेपाल में लगातार चल रहे हिंसा के बाद से तख्तापलट हो गया. Gen-Z ने केपी शर्मा ओली की सरकार को उखाड़ फेका है. लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब नेपाल में क्या होगा? धीरे-धीरे इसका भी जवाब सामने आने लगा है. आज आर्मी चीफ ने इसके लिए अहम बैठक बुलाई है. इस रेस में जिसका नाम सबसे आगे चल रहा है वह सुशीला कार्की हैं. माना जा रहा है कि नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की नेपाली सेना और युवा आंदोलनकारियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है. रैपर और काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी उनके नाम पर मुहर लगा दी है. लेकिन क्या आप जनते हैं कि सुशीला का भारत से भी गहरा रिश्ता है. तो चलिए जानते है इसके बारे में.
भारत के साथ कैसे होंगे संबंध
इस दौरान सबके मन में यही सवाल होगा कि सुशीला कार्की के कमान संभालने के बाद से नेपाल का भारत के साथ कैसा संबंध रहने वाले हैं. इसके लिए आपको बता दें कि सुशीला कार्की ने भारत के साथ अपने लगाव पर खुलकर बात की है. उन्होंने पीएम मोदी भी तारीफ की है. वह पीएम मोदी को बेहतरीन नेता के तौर पर देखती हैं.
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भारत से इस तरह रहा है नाता
यहां पर बता दें कि सुशीला कार्की ने अपनी पढ़ाई BHU से की है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने BHU में बिताए पल को याद करते हुए कहा कि मुझे आज भी अपने शिक्षक और दोस्त याद हैं. मुझे गंगा नदी आज भी याद है. गंगा के किनारे एक छात्रावास था और गर्मियों में रात में हम छत पर सोते थे. इस दौरान उन्होंने भारत से अपेक्षाओं को लेकर भी बात की है. कार्की ने कहा कि भारत ने हर समय नेपाल की मदद की है.
आखिर कौन हैं सुशीला कार्की ?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून, 1952 को विराटनगर में हुआ था. वह 7 बच्चों में सबसे बड़ी हैं. विराटनगर से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद से उन्होंने साल 1979 में अपना कानूनी करियर शुरू किया.
सुशीला कार्की ने साल जुलाई 2016 से जून 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाया है.
कार्की ने सील 1972 में महेंद्र मोरंग परिसर से बी.ए. और साल 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में MA की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
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