राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय, सागरिका घोष और साकेत गोखले वाले टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने झुग्गीवासियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वे पिछले पांच-छह दिनों से बिना बिजली के हैं.
New Delhi: दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के जय हिंद कैंप में पांच दिन से बिजली आपूर्ति बंद है, जिससे लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को कैंप का दौरा किया. सांसदों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर वहां रहने वाले बंगाली भाषी प्रवासियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया. राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय, सागरिका घोष और साकेत गोखले वाले टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने झुग्गीवासियों से बातचीत की, जिन्होंने कहा कि वे पिछले पांच-छह दिनों से बिजली कनेक्शन के बिना हैं. पॉश वसंत कुंज इलाके और मसूदपुर के शहरी गांव के बीच स्थित इस बस्ती में बंगाली भाषी प्रवासियों का घर है, जिनमें से ज्यादातर पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से हैं.
बिजली आपूर्ति बंद करना चिंताजनकः सुखेंदु शेखर रॉय
रॉय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यहां के निवासियों के जीवन में अचानक अंधेरा छा गया है. हम इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि वे सबसे गरीब हैं, उनमें से कई दिहाड़ी मजदूर हैं. जिस तरह से बिजली आपूर्ति में कटौती की गई है, वह बेहद चिंताजनक है. टीएमसी नेता ने कहा कि वे इस स्थिति पर एक रिपोर्ट पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी जागरूकता पैदा करने और निवासियों के पक्ष में जनमत तैयार करने पर काम करेगी. इस घटना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी की नाराजगी को जन्म दिया है, जिन्होंने हाल ही में बंगाली भाषी समुदायों के खिलाफ शत्रुता के एक व्यापक पैटर्न का आरोप लगाया था. बनर्जी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि यह सिर्फ एक खेमे की बात नहीं है. हमने गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्य प्रदेश में भी ऐसी ही घटनाएं देखी हैं.
बंगालियों के साथ कई जगहों पर भेदभाव
टीएमसी नेता घोष ने दावा किया कि बंगाली भाषी प्रवासियों को कई जगहों पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा शासित राज्यों में भी भाजपा की सरकार है. घोष ने आरोप लगाया कि हर भाजपा शासित राज्य ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात में, इन प्रवासी श्रमिकों पर हमले हो रहे हैं. उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि वे भारतीय नागरिक हैं. उन्होंने कहा कि सभी के पास पहचान पत्र है. वे भारतीय नागरिक हैं तो किस आधार पर उन्हें बांग्लादेशी कहा जा रहा है? और उन्हें बांग्लादेश में धकेला जा रहा है. उन्हें बीएसएफ के हाथों में धकेला जा रहा है. इसलिए यह अत्याचार है.
बिना सूचना के काटी गई बिजली
उन्होंने कहा कि आप भारतीय नागरिकों को इस तरह प्रताड़ित नहीं कर सकते. भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं और हर भाषा की अपनी पहचान है, अपना अस्तित्व है. जय हिंद कैंप के निवासियों ने दावा किया कि कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस ने एक सत्यापन किया था, जहां उन्हें अपने दस्तावेज दिखाने पड़े और पश्चिम बंगाल में उनके पते भी सत्यापित किए गए. निवासी नबी हुसैन ने कहा कि हम बांग्लादेशी या रोहिंग्या नहीं हैं, हम सभी भारतीय हैं. यहां एक भी बांग्लादेशी नहीं मिला. झुग्गीवासियों ने कहा कि 8 जुलाई को बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली काट दी गई. मिंटू ने कहा कि अदालत के आदेश के आधार पर बिजली काट दी गई थी, लेकिन उन्हें इसके बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था.
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