तुर्की और अजरबैजान के प्लान को कैंसिल करने के बाद अब भारतीय पर्यटक इस्लामिक देश मिस्र, जॉर्डन, आर्मेनिया और जॉर्जिया को प्राथमिकता दे रहे हैं.
Turkey-Azerbaijan boycott: भारत के तुर्की और अजरबैजान बॉयकॉट के बाद अब इन देशों को काफी नुकसना उठाना पड़ रहा है. जहां इन देशों को अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर भारी चोट पहुंची है तो वहीं इकॉनमी के लेवल पर भी ये तबाह होने की कगार पर पहुंच गए हैं. दरअसल, भारत और पाकिस्तान में हुए हालिया तनाव में पाकिस्तान की तरफ झुकाव और उसे मदद पहुंचाने की वजह से ही तुर्की और अजरबैजान की ये हालत हुई है.

किन मुस्लिम देशों का हुआ फायदा?
तुर्की और अजरबैजान बॉयकॉट के बाद ही भारतीयों ने यहां जाने के अपने प्लान को कैंसिल कर दिया था. इस दौरान भारी संख्या में दोनों ही देशों की बुकिंग भी कैंसिल हुई थीं. STIC travel Group के चेयरमैन और India Association of Tour Operators के अध्यक्ष पद पर तैनात सुभाष गोयल ने कहा, ” ग्लोबल लेवल पर बदले हालातों के बाद अब भारतीय पर्यटक तुर्की और अजरबैजान की यात्रा नहीं कर रहे हैं. तुर्की को दरकिनार करके अब भारतीय पर्यटक इस्लामिक देश मिस्र और जॉर्डन की यात्रा कर रहे हैं जबकि अजरबैजान की जगह आर्मेनिया और जॉर्जिया लोगों की पहली पसंद बन गया है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भारी संख्या में मुस्लिम बहुल देश कजाकिस्तान की खूबसूरती देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं.”

किन देशों में है कितनी मुस्लिम आबादी?
प्यू रिसर्च सेंटर की मानें तो कजाकिस्तान में करीब 71 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं. बात अगर मिस्र की करें तो यहां 94.9 फीसदी लोग इस्लाम को फॉलो करते हैं. इसके अलावा जॉर्डन में भी सुन्नी मुसलमानों की बहुलता है.
किन देशों को हो रहा नुकसान?
जहां कुछ देशों को फायदा हो रहा है तो वहीं तुर्की और अजरबैजान के अलावा भी कुछ देश ऐसे हैं जिन्हें काफी नुकसान इस दौरान उठाना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोपीय देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि वहां के लिए भारतीय पर्यटकों को वीजा संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. टूरिस्ट इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक, भारतीय पर्यटक कंबोडिया, वियतनाम और इंडोनेशिया भी पहुंच रहे हैं. कई देशों में भारतीयों के लिए वीजा फ्री एंट्री है जो उनके लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. वीजा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस के आंकड़े की माने तो बीते 10 दिनों में तुर्की और अजरबैजान की लिए किए जाने वाली एप्लीकेशन में 42 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. बता दें कि भारत के व्यापारियों ने भी तुर्की और अजरबैजान से व्यापारिक रिश्ते खत्म करने की बात कही है.
