Home National ऑपरेशन सिंदूर ‘स्वराज’ की रक्षा का सर्वोत्तम उदाहरण…’ अमित शाह बोले- देश की संप्रभुता सर्वोपरि

ऑपरेशन सिंदूर ‘स्वराज’ की रक्षा का सर्वोत्तम उदाहरण…’ अमित शाह बोले- देश की संप्रभुता सर्वोपरि

by Sachin Kumar
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Amit Shah Operation Sindoor finest example commitment defend Swaraj

Operation Sindoor : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बाजीराव प्रथम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि देश में 40 साल के जीवन में पेशवा बाजीराव ने अमर इतिहास रच दिया था.

Operation Sindoor : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) चलाकर पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकियों की कमर तोड़ने का काम किया. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बल और नेतृत्व स्वराज या देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह बहुत अच्छे से प्रदर्शित हुआ. यहां राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में मराठा जनरल पेशवा बाजीराव प्रथम की घुड़सवार प्रतिमा का अनावरण करने के बाद शाह ने बताया कि जब भी वह नकारात्मक विचारों से ग्रस्त होते हैं, तो वह छत्रपति शिवाजी महाराज और बाजीराव के बारे में सोचते हैं.

स्वराज बचाने के लिए हमारी सेना तत्पर

अमित शाह ने आगे कहा कि बाजीराव का स्मारक के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है क्योंकि यह एक ऐसा संस्थान है जहां सैन्य नेतृत्व को प्रशिक्षित किया जाता है. उन्होंने कहा कि जब भी मेरे मन में नकारात्मक विचार आते हैं तो मैं आमतौर पर शिवाजी और पेशवा बाजीराव के बारे में सोचता हूं, यह सोचकर कि वे प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच स्वराज स्थापित करने में सक्षम थे. लेकिन अब स्वराज की रक्षा करना 140 करोड़ देशवासियों की है. उन्होंने कहा कि जब स्वराज की स्थापना के लिए लिए लड़ाई लड़ने का समय आया तो हमने ऐसा करके दिखाया. साथ ही जब भी स्वराज के लिए लड़ने का वक्त आयेगा तो हमारी सेना और नेतृत्व किसी से पीछे नहीं रहेगा.

पेशवा बाजीराव ने अमर इतिहास रचा

बाजीराव प्रथम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शाह ने कहा कि अगर शिवाजी महाराज द्वारा शुरू की गई और पेशवाओं द्वारा 100 वर्षों तक आगे बढ़ाई गई स्वतंत्रता की लड़ाई नहीं लड़ी गई होती तो भारत का मूल ढांचे का अस्तित्व नहीं होता. साथ ही अपने 40 साल के जीवन में पेशवा बाजीराव ने अमर इतिहास रच दिया था, जिसे कोई दूसरा व्यक्ति नहीं लिख सकता है. 19 साल की उम्र में मराठा राज्य के पेशवा या प्रधानमंत्री बने बाजीराव को मध्य और उत्तरी भारत में मराठा शासन के विस्तार का श्रेय दिया जाता है.

यह भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर! दो हफ्ते में 43 लोगों की मौत और 37 लापता; सर्च ऑपरेशन जारी

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