Home Top News दिल्ली HC ने लड़की से दुष्कर्म के दोषी की घटाई सजा, आखिर फैसले पर क्या बोली अदालत?

दिल्ली HC ने लड़की से दुष्कर्म के दोषी की घटाई सजा, आखिर फैसले पर क्या बोली अदालत?

by Vikas Kumar
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Delhi High Court

दिल्ली हाई कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में एक दोषी की सजा घटाई है. अदालत ने दोषी की 30 साल की सजा को घटाकर 20 साल कर दिया है.

Delhi High Court on Rape Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में एक दोषी की 30 साल की सजा को घटाकर 20 साल कर दिया है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने 11 जुलाई को कहा, “निचली अदालत ने वर्तमान अपीलकर्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(i) और (n) के तहत 30 साल की सजा सुनाते हुए यह दर्ज किया है कि अपीलकर्ता द्वारा किया गया अपराध जघन्य प्रकृति का था और इसलिए दी गई सजा उचित है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि वर्तमान अपीलकर्ता द्वारा किया गया अपराध अत्यंत गंभीर है.” यह रिकॉर्ड में आने के बाद कि दोषी जेल में “सफाई सहायक” के रूप में काम कर रहा था और उसका आचरण संतोषजनक था, जेल की सजा में संशोधन किया गया. अदालत ने आगे कहा कि 6 अप्रैल, 2015 को गिरफ्तारी के बाद से ही वह हिरासत में था.

क्या था मामला?

फैसले में पॉक्सो अधिनियम की धारा 3 और 4 (प्रवेशात्मक यौन हमला) के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(i) (16 वर्ष से कम आयु की महिला के साथ बलात्कार करना) और (n) (एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार करना), 450 (घर में जबरन प्रवेश), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत उसकी सजा बरकरार रखी गई. उस व्यक्ति ने 12 वर्षीय लड़की के साथ अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद निचली अदालत के 2013 के फैसले के खिलाफ अपील की थी. नाबालिग और उसकी मां 4 अप्रैल, 2015 को पुलिस के पास गईं और आरोप लगाया कि उनके पड़ोसी व्यक्ति ने बार-बार उसके साथ बलात्कार किया था. लड़की ने बताया कि दिसंबर 2014 में, जब उसके परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे, तो वह उसके घर आया, उसे खाना दिया और अपने फोन पर अश्लील तस्वीरें दिखाकर उसका यौन उत्पीड़न किया.

लड़की की पिटाई भी की

उस व्यक्ति पर लड़की को थप्पड़ मारने और घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी देने का भी आरोप है. यह मामला तब सामने आया जब नाबालिग लड़की के पेट में दर्द की शिकायत के बाद उसकी मां उसे डॉक्टर के पास ले गई जहां उसे गर्भवती पाया गया और डॉक्टरों ने उसे गर्भपात कराने की सलाह दी, जिसके बाद डीएनए के नमूने सुरक्षित रखे गए और विश्लेषण के लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजे गए. उस व्यक्ति ने दावा किया कि “लड़की की गवाही में विसंगतियां” हैं, जिससे वह अविश्वसनीय है. इस मामले के सामने आने के बाद काफी बवाल भी मचा था.

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