Home Top News यूरोपीय संघ की राजनीतिक और सुरक्षा समिति भारत दौरे पर, रक्षा और विदेश नीति पर होंगे विमर्श

यूरोपीय संघ की राजनीतिक और सुरक्षा समिति भारत दौरे पर, रक्षा और विदेश नीति पर होंगे विमर्श

by Sanjay Kumar Srivastava
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European Union

European Union: राजदूत डेल्फिन प्रोंक की अध्यक्षता में आ रही यह प्रभावशाली समिति भारत में अपनी पहली यात्रा के दौरान रणनीतिक चर्चाएं करेगी.

European Union: यूरोपीय संघ की राजनीतिक और सुरक्षा समिति (PSC) बुधवार (10 सितंबर) से भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आ रही है. राजदूत डेल्फिन प्रोंक की अध्यक्षता में आ रही यह प्रभावशाली समिति भारत में अपनी पहली यात्रा के दौरान रणनीतिक चर्चाएं करेगी. इसका उद्देश्य भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को नई दिशा देना और वर्षों से लंबित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को आगे बढ़ाना है.ब्रुसेल्स स्थित PSC, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के राजदूतों से मिलकर बनी है और यह संघ की आम विदेश और सुरक्षा नीति (CFSP) और आम सुरक्षा एवं रक्षा नीति (CSDP) में अहम भूमिका निभाती है. भारत यात्रा के दौरान समिति उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारियों, निजी क्षेत्र के रक्षा प्रतिनिधियों, प्रमुख थिंक-टैंक और नागरिक समाज संगठनों से संवाद करेगी. यह यात्रा भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन से कुछ महीने पहले हो रही है, जो अगले वर्ष की पहली छमाही में भारत में होने की संभावना है.

व्यापार, सुरक्षा को मिलेगी मजबूती

इस दौरे से व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद है, जिससे दोनों पक्षों के बीच व्यापक साझेदारी को नया आयाम मिल सकेगा. यूरोपीय संघ के एक बयान में कहा गया है कि इस व्यापक जुड़ाव का उद्देश्य नीतिगत प्राथमिकताओं का एक व्यापक मूल्यांकन प्रदान करना है. साथ ही प्रमुख विदेश नीति मामलों, सुरक्षा और रक्षा पर सहयोग बढ़ाने के भविष्य के अवसरों की खोज करना है, खासकर आगामी यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन से पहले. पीएससी की प्रमुख जिम्मेदारियों में अंतर्राष्ट्रीय स्थिति की निगरानी करना और यूरोपीय संघ की परिषद के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण की सिफारिश करना शामिल है. राजदूत प्रोंक ने कहा कि आतंकवाद-निरोध, साइबर सुरक्षा, हाइब्रिड खतरे, समुद्री सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र जागरूकता, अंतरिक्ष सुरक्षा, रक्षा उद्योग सहयोग और विदेशी सूचना हेरफेर और हस्तक्षेप का मुकाबला करने सहित आपसी हित के प्रमुख क्षेत्रों में यूरोपीय संघ-भारत सहयोग महत्वपूर्ण है.

मुक्त व्यापार समझौते पर होगी चर्चा

उन्होंने आगे कहा कि ये महत्वपूर्ण मुद्दे हमारे एजेंडे में शीर्ष पर होंगे और हमारी यात्रा से प्राप्त अंतर्दृष्टि और सिफारिशें यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के सामने प्रस्तुत की जाएंगी, जिससे बेहतर सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा. नई दिल्ली में यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने कहा कि यूरोपीय संघ और भारत आज के अस्थिर भू-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में समान हितों और साझा मूल्यों के साथ स्वाभाविक साझेदार के रूप में उभरे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे नेता यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने और इसकी अपार क्षमता का दोहन करने के लिए दृढ़ हैं. पारस्परिक लाभ की यह साझेदारी हमारे नागरिकों की समृद्धि और सुरक्षा में योगदान दे सकती है और वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा में योगदान कर सकती है.

रणनीतिक साझेदारी पर भी मंथन

राजदूत डेल्फिन ने कहा कि पीएससी की भारत यात्रा टीम यूरोप की भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की सामूहिक इच्छा को रेखांकित करती है, विशेष रूप से रक्षा और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में. यूरोपीय संघ के रीडआउट ने उल्लेख किया कि यह यात्रा हाल के प्रमुख मील के पत्थर पर आधारित है, जिसमें फरवरी में यूरोपीय संघ के कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की भारत यात्रा, जून में उद्घाटन यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक वार्ता और 2026 की शुरुआत में आगामी यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन शामिल है. यूरोपीय संघ भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों और निवेशकों में से एक है. दोनों पक्षों का लक्ष्य 2025 के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते को समाप्त करना है. कहा कि यूरोपीय संघ और भारत बड़े, बहुलवादी लोकतंत्र के रूप में कानून के शासन, मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक शासन को बनाए रखने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता साझा करते हैं.

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