सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार ने द्वीप के स्थानीय लोगों से कोई सलाह नहीं ली. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही.
Kochi: भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार लक्षद्वीप समूह के एक द्वीप का अधिग्रहण करने जा रही है. इसके लिए मोदी सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. सरकार के इस कदम का लक्षद्वीप के कांग्रेस सांसद हमदुल्ला सईद कड़ा विरोध कर रहे हैं. यह द्वीप राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण है. सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार ने द्वीप के स्थानीय लोगों से कोई सलाह नहीं ली. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही. लक्षद्वीप के 10 बसे हुए द्वीपों में से एक बित्रा द्वीप को सरकार रक्षा उद्देश्यों के लिए अपने इस्तेमाल में लेगी. नोटिफिकेशन के मुताबिक, बित्रा द्वीप की रणनीतिक अहमियत और राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण यह फैसला लिया गया है. भारत सरकार के नोटिफिकेशन पर लक्षद्वीप प्रशासन रक्षा उद्देश्यों के लिए द्वीपसमूह के एक बसे हुए द्वीप बित्रा का अधिग्रहण कर रहा है.
लक्षद्वीप के सांसद ने किया विरोध
इस कदम का लक्षद्वीप के सांसद हमदुल्ला सईद ने कड़ा विरोध किया है. उन्होंने द्वीप के स्थानीय निवासियों को पूर्ण समर्थन दिया. उन्होंने वहां के निवासियों के लिए राजनीतिक और कानूनी रास्ते तलाशने का वादा किया. हाल ही में एक सरकारी अधिसूचना में राजस्व विभाग को बित्रा द्वीप के संपूर्ण भूमि क्षेत्र को अपने अधीन करने के प्रस्ताव की रूपरेखा दी गई है. अधिग्रहण का उद्देश्य इसे केंद्र की संबंधित रक्षा और रणनीतिक एजेंसियों को हस्तांतरित करना है. पिछले सप्ताह जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि प्रशासन भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 में उचित मुआवज़ा और पारदर्शिता के अधिकार के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार द्वीप का अधिग्रहण करेगा. इसके लिए प्रभावित क्षेत्र का सामाजिक प्रभाव का अध्ययन किया जाना है.
दो महीने के भीतर पूरा होगा सर्वेक्षणः डीएम
जिला कलेक्टर शिवम चंद्र ने आदेश में कहा कि सामाजिक प्रभाव अध्ययन के तहत ग्राम सभाओं सहित सभी हितधारकों से परामर्श किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि अधिग्रहण के तहत प्रस्तावित क्षेत्र का सर्वेक्षण अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से दो महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. इस बीच, लक्षद्वीप के सांसद हमदुल्ला सईद ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा बित्रा द्वीप पर कब्जा करने के कदम का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे असली उद्देश्य स्थानीय आबादी को विस्थापित करना है. सांसद ने कहा कि बित्रा केंद्र शासित प्रदेश का सबसे छोटी आबादी वाला द्वीप है. वह रक्षा आवश्यकताओं के बहाने प्रशासन द्वारा इसे अधिग्रहित करने के प्रयास का कड़ा विरोध करेंगे. सईद ने बताया कि रक्षा उद्देश्यों के लिए आवश्यक भूमि सरकार द्वारा कई द्वीपों में पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है.
संसद सत्र में उठाएंगे मुद्दे को
उन्होंने कहा कि इन विकल्पों पर विचार किए बिना दशकों से स्थायी आबादी वाले बित्रा को निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने स्थानीय निवासियों से बिना किसी परामर्श के ऐसी कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रशासन की आलोचना की, खासकर ऐसे समय में जब द्वीपों में स्थानीय पंचायत का कोई कामकाज नहीं है. सांसद ने आश्वासन दिया कि वह बित्रा के लोगों के साथ खड़े होंगे और इस कदम का विरोध करने के लिए सभी राजनीतिक और कानूनी रास्ते तलाशेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह आगामी संसद सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगे और केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे.
बित्रा द्वीप क्यों महत्वपूर्ण
लक्षद्वीप का सबसे छोटा द्वीप बित्रा है. बित्रा द्वीप का कुल एरिया केवल 0.105 वर्ग किलोमीटर है. यह 0.57 किलोमीटर लंबा और 0.28 किलोमीटर चौड़ा है. यह द्वीप कोच्चि से 483 किलोमीटर (261 नॉटिकल मील) दूर है. बित्रा द्वीप 1835 तक समुद्री पक्षियों के लिए एक प्रजनन स्थल था. किलटन और चेटलाट के लोग यहां शिकार करने आते थे. 1945 के आसपास यहां एक महिला अपने बेटे के साथ आई थी, जिसके बाद धीरे-धीरे यहां की आबादी बढ़ने लगी. आश्चर्य की बात यह है कि बित्रा द्वीप पहले एक विरान और बंजर था.
ये भी पढ़ेंः INS संध्यायक पहुंचा मलेशिया, समुद्री सहयोग और ‘Mahasagar’ विजन को देगा नई दिशा
