India–Pakistan Diplomatic Crisis 2025 : भारत और पाकिस्तान में जारी संघर्ष के बीच कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए केंद्र से आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि हम परिस्थिति से वाकिफ होना चाहते हैं.
India–Pakistan Diplomatic Crisis 2025 : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्टों पर हमला करने के बाद केंद्र सरकार ने सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी थी. इसके बाद इंडियन आर्मी ने 7-8 मई की तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया. हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इसका जवाब देने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना ने उसका हर हमला नाकाम कर दिया. इसी बीच अमेरिका की मध्यस्थता की वजह से भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम की घोषणा कर दी. वहीं, इसी कड़ी में युद्ध को लेकर पूरी जानकारी जानने के लिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है और संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा गया है.
कांग्रेस ने केंद्र से पूछे सवाल
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से कई सारे सवाल पूछे हैं और यह सवाल भी शामिल है कि क्या नई दिल्ली ने भारत-पाकिस्तान में जारी संघर्ष के बीच तीसरे पक्ष के लिए दरवाजे खोले गए और पाकिस्तान के साथ क्या कूटनीतिक चैनल खोले गए हैं? जयराम रमेश की यह टिप्पणी उस वक्त सामने आई जब तीनों सेनाओं की तरफ से चल रही कार्रवाई के बाद जब युद्धविराम की घोषणा कर दी गई. कांग्रेस नेता ने अपने एक्स अकाउंट में लिखा कि ऑपरेशन सिंदूर, वाशिंगटन डीसी से बातचीत और उसके बाद भारत-पाकिस्तान की सरकारों की तरफ से की गई युद्ध विराम घोषणाओं पर पूर्ण चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक और संसद के एक विशेष सत्र की मांग को दोहराया है.
शिमला समझौता त्याग दिया : कांग्रेस
जयराम रमेश ने आगे कहा कि कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा तटस्थ स्थल का उल्लेख कई सवाल खड़े करते हैं. उन्होंने केंद्र से अगला सवाल पूछा कि क्या हमने शिमला समझौते को त्याग दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?
इसी बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि किसी भी अन्य स्थान पर किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत करने का कोई फैसला नहीं हुआ है. यह बयान तब आया है जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें युद्धविराम पर सहमत हो गई हैं. साथ ही दोनों सरकारें एक तटस्थ स्थान पर वार्ता करेंगी. रमेश ने आगे कहा कि अंत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि 1971 में असाधारण साहसी और दृढ़ नेतृत्व के लिए देश के लिए इंदिरा गांधी को याद करना स्वाभाविक है.
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