इंडिगो की दिल्ली-पुणे उड़ान में चार घंटे से अधिक की देरी होने के बाद पैसेंजर्स को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं एयर इंडिया के कमांडर की कॉकपिट के अंदर तबीयत बिगड़ गई.
Indigo Delhi-Pune flight: इंडिगो की दिल्ली-पुणे उड़ान में चार घंटे से अधिक की देरी की खबर सामने आई है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, शुक्रवार को उड़ान भरने से ठीक पहले पायलट के बीमार पड़ जाने के कारण दिल्ली से पुणे जाने वाली इंडिगो की उड़ान में साढ़े चार घंटे की देरी हुई. इस संबंध में इंडिगो एयरलाइन ने शनिवार को एक बयान जारी किया है. एयरलाइन ने बयान में कहा कि उसने पायलट को “उचित” चिकित्सा सहायता प्रदान की और 4 जुलाई को उड़ान, 6E2262 को संचालित करने के लिए वैकल्पिक चालक दल की व्यवस्था की.
एयर इंडिया खबरों में क्यों?
शुक्रवार को इसी तरह की एक घटना में, एयर इंडिया के एक कमांडर के कॉकपिट के अंदर तबीयत बिगड़ गई. कमांडर की तबीयत तब बिगड़ी जब वह टाटा समूह की एयरलाइन के बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाली उड़ान को संचालित करने के लिए तैयार हो रहा था. इंडिगो ने एक बयान में कहा, “हमारे कॉकपिट चालक दल के एक सदस्य को 4 जुलाई को दिल्ली से पुणे जाने वाली इंडिगो की उड़ान 6E 2262 को संचालित करना था, लेकिन उड़ान भरने से पहले उसे अस्वस्थ महसूस हुआ और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए विमान को वापस बे में ले जाया गया.”
बयान में क्या कहा गया?
बयान में कहा गया है कि अस्वस्थ चालक दल को उचित चिकित्सा सहायता प्रदान की गई और विमान को संचालित करने के लिए एक वैकल्पिक चालक दल को नियुक्त किया गया, जिससे उड़ान में देरी हुई. इंडिगो ने विशिष्ट विवरण साझा नहीं किया. हालांकि, फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24.कॉम के अनुसार, इंडिगो की उड़ान, जो दिल्ली हवाई अड्डे से सुबह 6 बजे रवाना होने वाली थी, इस घटना के कारण 4.30 घंटे की देरी से रवाना हुई और इसने सुबह 10.27 बजे पुणे के लिए उड़ान भरी. इंडिगो ने बयान में कहा, “इसके अलावा, पुणे हवाई अड्डे पर अस्थायी प्रतिबंधों के कारण उड़ान में और देरी हुई.” बता दें कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद कई एयरलाइनों के विमानों में लगातार तकनीकी खराबी की खबरें सामने आ रही हैं और इसकी वजह से यात्रियों में भी डर का माहौल है. गनीमत ये रही कि इंडिगो की दिल्ली-पुणे उड़ान और एयर इंडिया के विमान में कुछ जानलेवा स्थिति नहीं आई. अहम ये है कि कई जगहों पर मौसम की वजह से भी विमानों को टर्बुलेंस का सामना करना पड़ रहा है.बता दें कि विमान में टर्बुलेंस (अशांति) तब होता है जब विमान उड़ान के दौरान हवा के अचानक बदलते प्रवाह या वायुमंडलीय गड़बड़ी का सामना करता है. यह जेट स्ट्रीम, तूफान, पहाड़ों के ऊपर हवा के टकराव या गर्म और ठंडी हवा के मिश्रण से हो सकता है. टर्बुलेंस के कारण विमान में हल्की हिचकोले, झटके या तेज उछाल महसूस हो सकते हैं. यह आमतौर पर सुरक्षित होता है, क्योंकि आधुनिक विमान ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं. पायलट टर्बुलेंस से बचने के लिए मौसम की जानकारी और रडार का उपयोग करते हैं, और यात्रियों को सीटबेल्ट बांधने की सलाह दी जाती है.
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