Kerala: भारतीय तटरक्षक बल के अनुसार, जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल मौजूद था. इसके अलावा, 13 कंटेनरों में खतरनाक सामग्री थी.
Kerala: केरल के कोच्चि तट से लगभग 38 समुद्री मील दूर अरब सागर में एक लाइबेरियाई मालवाहक जहाज, एमएससी एल्सा 3, शनिवार (24 मई) को पलटने के बाद रविवार सुबह डूब गया. इस घटना ने पूरे राज्य में पर्यावरणीय संकट की आशंका पैदा कर दी है, जिसके चलते केरल सरकार ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. जहाज पर लदे 640 कंटेनरों में से कुछ समुद्र में गिर गए, और इनमें से कई कंटेनर अब कोल्लम, अलप्पुझा, एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम के तटीय क्षेत्रों में बहकर पहुंच रहे हैं.
तेल रिसाव और खतरनाक सामग्री का खतरा
भारतीय तटरक्षक बल के अनुसार, जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल मौजूद था. इसके अलावा, 13 कंटेनरों में खतरनाक सामग्री थी, जिनमें 12 कंटेनर कैल्शियम कार्बाइड से भरे थे. यह रसायन समुद्री जल के साथ प्रतिक्रिया कर अत्यधिक ज्वलनशील एसिटिलीन गैस उत्सर्जित करता है, जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. तेल रिसाव की गति लगभग 3 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है, जिससे केरल के जैव विविधता वाले तट और पर्यटन उद्योग पर संकट मंडरा रहा है.
सभी चालक दल सुरक्षित
इस दुर्घटना में सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई. जहाज पर सवार 24 चालक दल के सदस्यों, जिनमें एक रूसी कप्तान, 20 फिलीपीनी, दो यूक्रेनी और एक जॉर्जियाई नागरिक शामिल थे, को भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना के जहाज आईएनएस सुजाता ने सुरक्षित बचा लिया. 21 सदस्यों को तटरक्षक बल ने और शेष तीन को आईएनएस सुजाता ने रेस्क्यू किया. भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया.
केरल में अलर्ट और मछुआरों को चेतावनी
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने स्थानीय निवासियों और मछुआरों को समुद्र में न जाने और तट पर बहकर आए किसी भी कंटेनर या तेल रिसाव को न छूने की सलाह दी है. कोल्लम तट पर अब तक कम से कम आठ कंटेनर देखे गए हैं, और तटीय पुलिस ने लोगों से इनके पास न जाने का आग्रह किया है. तटरक्षक बल ने तेल रिसाव को नियंत्रित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण जहाज ‘सक्षम’ और तेल रिसाव निगरानी के लिए डोर्नियर विमान तैनात किए हैं.
पर्यावरणीय प्रभाव और बचाव प्रयास
यह घटना केरल के संवेदनशील समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और मत्स्य उद्योग के लिए खतरा बन सकती है. तटरक्षक बल ने तेल रिसाव को रोकने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग शुरू कर दिया है, और जहाज की मालिकाना कंपनी का एक अन्य जहाज सहायता के लिए क्षेत्र में पहुंच चुका है. केरल के मुख्य सचिव डॉ. ए. जयतिलक की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में तेल रिसाव की गंभीरता की पुष्टि की गई, और पूरे तटीय क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है.
प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में 20 समुद्री मील के दायरे में मछली पकड़ने से रोक दिया है. साथ ही, तटीय क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तेल और रासायनिक रिसाव को तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह केरल के पर्यटन और समुद्री जैव विविधता पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है. भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और पर्यावरणीय क्षति को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
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