Indian Navy: भारत अपनी नौसैनिक को मजबूत और आधुनिक कर रहा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने मंगलवार को कहा कि तीसरी स्वदेशी परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी ‘अरिदमन’ जल्द ही नौसेना में शामिल हो जाएगी.
Indian Navy: भारत अपनी नौसैनिक को मजबूत और आधुनिक कर रहा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने मंगलवार को कहा कि तीसरी स्वदेशी परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी ‘अरिदमन’ जल्द ही नौसेना में शामिल हो जाएगी. परमाणु पनडुब्बी के शामिल होने से नौसेना की युद्ध क्षमता और बढ़ जाएगी. नौसेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि प्रोजेक्ट 75 इंडिया (P75-आई) के तहत छह स्टील्थ पनडुब्बियों के प्रस्तावित अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने वाली है. उन्होंने यह भी कहा कि नौसेना को 2028 में 26 राफेल-एम लड़ाकू जेट में से पहले चार मिलेंगे. भारत ने जेट विमानों की खरीद के लिए अप्रैल में फ्रांस के साथ 64,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. नौसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने बल की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके आक्रामक रुख ने पाकिस्तानी नौसेना को अपने बंदरगाहों के करीब रहने के लिए मजबूर किया.
ऑपरेशन सिंदूर प्रगति पर
एडमिरल ने कहा कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के साथ शत्रुता के बाद पिछले सात-आठ महीनों में पश्चिमी अरब सागर में सुरक्षा के लिहाज से अपनी गश्त तेज कर दी है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आक्रामक रुख और तत्काल कार्रवाई, जिसमें वाहक युद्ध समूह की तैनाती भी शामिल है, ने पाकिस्तानी नौसेना को अपने बंदरगाहों के करीब या मकरान तट के पास रहने के लिए मजबूर किया. नौसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान पर वित्तीय दबाव डाला है क्योंकि शत्रुता के बाद बड़ी संख्या में व्यापारिक जहाजों ने उस देश की यात्रा करने से परहेज किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जाने वाले जहाजों के बीमा की लागत भी बढ़ गई है. परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों पर एक सवाल के जवाब में नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत जल्द ही तीसरी स्वदेशी परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी को चालू करने के लिए तैयार है. भारत का परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN) कार्यक्रम एक बेहद गोपनीय परियोजना है. INS अरिहंत, SSBN परियोजना के तहत पहला पोत था. इसके बाद INS अरिघात आया. SSBN कार्यक्रम भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का एक प्रमुख तत्व है.
भारत ने सिद्ध की अपनी क्षमताएं
भारत ने जहां हवा और ज़मीन से परमाणु क्षमताएं सिद्ध कर ली हैं, वहीं अब वह अपनी पानी के भीतर की परमाणु क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. INS अरिहंत भारत की पहली स्व-निर्मित परमाणु पनडुब्बी है. इसे जुलाई 2009 में लॉन्च किया गया था और 2016 में नौसेना में शामिल कर लिया गया था. भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिनके पास परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियां हैं. जिन देशों के पास ऐसी पनडुब्बियां हैं, वे हैं: अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन. भारत परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के उद्देश्य से सार्वभौमिक परमाणु निरस्त्रीकरण की वकालत करने वालों में अग्रणी रहा है. 1998 में भारत ने पोखरण-II परमाणु परीक्षण किया, जिस पर कई देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.परीक्षणों के बाद भारत ने कहा कि उसने विश्वसनीय न्यूनतम निवारण के लिए ये परीक्षण किए थे और वह ‘पहले प्रयोग नहीं’ के दृष्टिकोण का पालन करेगा. 2003 में भारत ने आधिकारिक तौर पर अपना परमाणु सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें ‘पहले प्रयोग नहीं’ की नीति का स्पष्ट उल्लेख था.
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