JITO कनेक्ट: रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर भारतीय सेना किसी भी सीमा को पार कर सकती है.
JITO कनेक्ट: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि एनडीए सरकार ने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 के बालाकोट हवाई हमले और हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह दिखा दिया है कि देश अपने नागरिकों की रक्षा करने के लिए सक्षम है. कहा कि भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर भारतीय सेना किसी भी सीमा को पार कर सकती है. यहां जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) द्वारा आयोजित ‘JITO कनेक्ट’ में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में निर्दोष लोगों को उनके धर्म के आधार पर मार दिया गया, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करते समय धर्म नहीं देखा.
सम्मान से समझौता नहीं
उन्होंने कहा कि सरकार ने पहलगाम आतंकवादी हमले के ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा देने के लिए सिर्फ़ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. हमने वहां किसी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया. अगर हम चाहते तो यह काम पहले भी कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. रक्षा मंत्री सिंह के अनुसार, सैन्य और आर्थिक शक्ति को बढ़ाने पर केंद्र सरकार का ध्यान वर्चस्व स्थापित करने के लिए नहीं, बल्कि धर्म, आस्था और मानवीय मूल्यों में निहित आदर्शों की रक्षा के लिए है, जो भगवान महावीर की शिक्षाओं में परिलक्षित होते हैं. उन्होंने कहा कि जब भारत के गौरव और सम्मान की बात आती है, तो हमने कभी समझौता नहीं किया. चाहे वह 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक हो, 2019 की एयरस्ट्राइक हो या 2025 का ऑपरेशन सिंदूर हो, हमने साबित कर दिया है कि भारत की एकता और अखंडता के लिए और हर नागरिक व देश की रक्षा के लिए, जब भी जरूरत होगी, हम किसी भी सीमा को पार कर जाएंगे.
देश का बढ़ा रक्षा निर्यात
रक्षा निर्यात पर मंत्री ने कहा कि जब 11 साल पहले एनडीए सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब देश का निर्यात लगभग 600 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. उन्होंने अनुमान लगाया कि 2029 तक यह आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा. सरकार पहले ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 97 हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक समझौता कर चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश अब “खिलौनों से लेकर टैंक तक” उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया का कारखाना बनकर उभरेगा.
जल्द बनेंगे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत 2030 तक 7.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. राष्ट्रीय विकास में योगदान के लिए जैन समुदाय की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि हालांकि यह समुदाय कुल भारतीय आबादी का केवल 0.5 प्रतिशत है, लेकिन उनका कर योगदान कुल कर संग्रह का लगभग 24 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि चाहे फार्मा हो, विमानन हो या शिक्षा क्षेत्र, जैन अपने अनुशासित और मूल्य-आधारित जीवन के कारण अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. इस मौके पर केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के आईटी और उद्योग मंत्री डी श्रीधर बाबू, राज्य भाजपा अध्यक्ष एन रामचंदर राव भी मौजूद थे.
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