PM Modi Praise: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब सिर्फ एक मिलिट्री मिशन नहीं, भारत की नई नीति का प्रतीक बन चुका है. जिसे संसद में गूंजती आवाजें बता रही हैं, अब भारत चुप नहीं बैठेगा.
PM Modi Praise: नई दिल्ली की संसद में सोमवार को एक अनोखा समां था, जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर देश की सैन्य और कूटनीतिक शक्ति की एकजुट झलक देखने को मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के ओजपूर्ण भाषणों की खुलकर सराहना की. उन्होंने कहा कि यह केवल शब्द नहीं, भारत की नई रणनीति और आत्मविश्वास की झलक है.
रक्षा मंत्री का वार-“भारत अब चुप नहीं बैठेगा”
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों को हासिल करने में किस प्रकार सफलता पाई है, इसको लेकर लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने विस्तार से जानकारी दी है। जरूर सुनिए…https://t.co/ZFfHI3JWp0@rajnathsingh
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2025
प्रधानमंत्री ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी का भाषण साहस और रणनीति का प्रतीक है.” संसद में रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवाद को लेकर अब कोई नरमी नहीं बरतेगा. उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर अभी ‘पॉज’ पर है, लेकिन यदि पाकिस्तान फिर कोई हरकत करता है, तो भारत दोबारा उसी जोश से जवाब देगा.” उनके तेवर यह साफ कर रहे थे कि भारत अब ‘रिएक्टिव’ नहीं, ‘प्रोएक्टिव’ मोड में है.
जयशंकर की गूंज वैश्विक मंच तक
पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत की विदेश नीति ने पूरे विश्व को आतंक के खिलाफ एकजुट किया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर जी ने लोकसभा में इस पर विस्तार से बात की है। https://t.co/S00YfUteNk@DrSJaishankar
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2025
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में भारत की कूटनीतिक स्थिति को एक नई ऊंचाई दी. उन्होंने बताया कि 190 देशों में से केवल 3 ने ऑपरेशन सिंदूर पर आपत्ति जताई. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “outstanding” करार दिया और कहा कि जयशंकर ने भारत की सोच को दुनिया तक मजबूती से पहुंचाया. “अब दुनिया मानती है कि जिसे हमला झेलना पड़ा, उसे आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है,” जयशंकर ने कहा.
पीएम ने‘सिंदूर’ पर दिया ये संकेत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सीमा पार की सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि भारत की सोच में आई निर्णायकता और दृढ़ता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यह भारत की “रणनीतिक और राजनयिक” दोनों मोर्चों पर बड़ी जीत है.
संसद में आत्मविश्वास, विपक्ष की चुप्पी
राजनाथ और जयशंकर की जोड़ी ने संसद में स्पष्ट कर दिया कि भारत की विदेश और रक्षा नीति अब डर या दबाव में नहीं, बल्कि आत्मबल और सामर्थ्य से तय होगी. दोनों नेताओं के बयानों में ऐसा समन्वय था, जो विपक्ष के सवालों को भी जवाब में बदल गया. संसद में जिस प्रकार सत्ता पक्ष ने यह मोर्चा संभाला, उससे साफ है कि सरकार अब किसी भी आतंकी खतरे या अंतरराष्ट्रीय आलोचना से पीछे हटने को तैयार नहीं है. विपक्ष जहां सवाल उठा रहा था, वहां सरकार ने जवाब नहीं “हौसले और रणनीति” से शांति ला दी.
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