Indian Economy : डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर देश की सियासत में खलबली मची हुई है और अब इस पर विपक्ष भी केंद्र पर हमलावर है. इसी बीच कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस बयान को शाब्दिक अर्थ में नहीं लेना चाहिए.
Indian Economy : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने बीते दिनों पहले भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकॉनोमी’ बताया था और इसके बाद से ही देश की सियासत में उबाल आया हुआ है. इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा कि ट्रंप की तरफ से दिए गए बयान में भारत को मृत अर्थव्यवस्था कहना अपमान था और इसको किसी भी प्रकार से शब्दश: के रूप में नहीं लेना चाहिए. शशि थरूर ने रविवार को कहा कि पूरे दुनिया में जब कुछ महाशक्तियां सक्रिय भागीदारी से युद्ध लड़े जा रही हैं और जिन लोगों से विश्व व्यवस्था को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है, वे शक्तियां अव्यवस्था को बढ़ावा दे रही हैं. यही वजह है कि अब भारत को अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए बहुत स्पष्ट होने की आवश्यकता है.
ट्रंप के बयान को गंभीरता लेना चाहिए
बता दें कि बीते हफ्ते पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को एक मृत अर्थव्यवस्था कहा था, जब उन्होंने भारतीय वस्तुओं के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूसी सैन्य उपकरणों व कच्चे तेल के अधिकांश खरीदने पर जुर्माना लगाने की घोषणा की थी. इन्हीं सब के बीच में शशि थरूर की भी टिप्पणी सामने आई है जिसमें उन्होंने कहा कि यह एक अप्रत्याशित दुनिया है, खासकर जब ट्रंप व्हाइट हाउस में मौजूद हैं. शशि थरूर ने कहा कि मैं ट्रंप के बारे में कहना चाहता हूं कि आप उन्हें शाब्दिक रूप से नहीं ले सकते हैं, लेकिन उन्हें आपको काफी गंभीरता से लेने की जरूरत है. साथ ही वह अमेरिकी राष्ट्रपति है जो प्रत्यक्ष रूप से नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं और नीतियां हमें सीधे तौर पर प्रभावित कर सकते हैं. यही वजह है कि हमें उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए.
शाब्दिक अर्थ में नहीं लेना चाहिए
थरूर ने यह भी कहा कि ट्रंप के बयान को शाब्दिक रूप से नहीं लेना चाहिए, लेकिन अगर भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत बताना तो ऐसा लगता है कि खेल के मैदान में बच्चे द्वारा कहना कि आपकी मां बदसूरत है. थरूर ने कहा कि पिछले 6 महीनों में ट्रंप की टैरिफ नीतियों के प्रभाव ने पूरी दुनिया को पीछे धकेल दिया है और भारत को दो-तीन दिन पहले थोड़ा झटका जरूर मिला है. उन्होंने कहा कि हमें उबरना होगा, क्योंकि अमेरिकी संबंध इतने महत्वपूर्ण हैं कि हम इसे कामयाब बनाने के लिए वास्तविक प्रयास करना चाहिए. साथ ही अब भारत अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए क्या करता है? सबस पहले हमें अपने मन में यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि हमारे राष्ट्रीय हित क्या है?
यह भी पढ़ें- पहलगाम हमले के सुरक्षा एजेंसी ने जुटाए सबूत, PAK की तरफ कर रहे इशारा; जानें क्या-क्या मिला?
