दिल्ली में चीनी मांझे के 1,100 से अधिक रोल के साथ पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अभियान के तहत पुलिस और भी लोगों की तलाश में जुटी है.
Dangerous Chinese Manjha in Delhi: दिल्ली में बीते कई सालों से चीनी मांझे का कहर जारी है. लगातार चीनी मांझे से हुए नुकसान की खबरें सामने आती रहती हैं. पंतगों की डोर के लिए इस्तेमाल होने वाले चीनी मांझे से कई बाइक सवार लोगों को काफी चोटें आई हैं. कई मौकों पर बाइक सवार लोगों की मौत की खबरें भी सामने आई हैं. दिल्ली पुलिस ने भी लोगों से चीनी मांझे को न इस्तेमाल करने की बात कही है. दिल्ली पुलिस उन लोगों पर भी लगातार कार्रवाई कर रही है जो चीनी मांझे का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस बीच खबर आई है कि दिल्ली में अलग-अलग मामलों में प्रतिबंधित चीनी मांझे के 1,100 से अधिक रोल के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से प्रतिबंधित चीनी मांझे के 1,100 से अधिक रोल जब्त किए हैं. यह नायलॉन आधारित मांझा है जिसका इस्तेमाल पतंग उड़ाने के लिए किया जाता है. यह मांझा कांच और प्लास्टिक से बना होता है, इसलिए इसे इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक माना जाता है.
क्या बोली पुलिस?
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी राजू चौरसिया (51) और अरीब खान (22) को कमला मार्केट और उत्तम नगर में दो अलग-अलग अभियानों में गिरफ्तार किया गया. 26 जून को पहली कार्रवाई में पुलिस ने उत्तम नगर में एक दुकान और गोदाम पर छापा मारा और चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया. सोम बाजार रोड स्थित परिसर में चीनी मांझे के 922 रोल बरामद किए गए. वह इसे नियमित व्यवसाय की आड़ में चलाता था. पूछताछ के दौरान उसने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से प्रतिबंधित मांझा बेचने की बात कबूल की. अधिकारी ने बताया कि उसने पुलिस को बताया कि वह अधिकतम लाभ कमाने के लिए इसे स्थानीय दुकानदारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचता था.
कहां से हुई गिरफ्तारी?
पुलिस ने बताया कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए शख्स के खिलाफ पहले भी 2022 में इसी तरह के आरोप दर्ज किए गए थे. एक अन्य मामले में, पुलिस ने 27 जून को रामलीला मैदान के पास कमला मार्केट इलाके से खान को पकड़ा. अधिकारी के अनुसार, उसे चार बड़े डिब्बों के साथ पकड़ा गया, जिनमें प्रतिबंधित मांझे के 248 रोल थे. दरियागंज का खान पहले एक कपड़े की दुकान पर काम करता था और उच्च लाभ मार्जिन के लालच में आकर अवैध मांझे के व्यापार में लग गया. दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223(बी) (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दोनों मामले दर्ज किए गए हैं.
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