जीतू पटवारी ने दावा किया कि यह मामला सिर्फ एक एफआईआर तक सीमित नहीं है बल्कि सत्तारूढ़ दल द्वारा दबाव और हेरफेर की गहरी साजिश का हिस्सा है.
Bhopal: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.प्राथमिकी दर्ज होने से कांग्रेस का गुस्सा बीजेपी सरकार पर फूट पड़ा है.कांग्रेस ने इस कार्रवाई को सत्तारूढ़ ताकतों की तानाशाही बताया. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोक नगर जिले में मारपीट के दौरान एक व्यक्ति को मल खिलाने का फर्जी दावा करने के लिए मजबूर करना और जातिगत नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति की शिकायत के आधार पर कांग्रेस नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
कार्रवाई को बताया सत्तारूढ़ ताकतों की तानाशाही
हालांकि पटवारी ने कहा कि प्राथमिकी सत्तारूढ़ ताकतों की तानाशाही और पीड़ितों की आवाज को दबाने के उनके प्रयासों को उजागर करती है. शिकायतकर्ता ने कुछ दिन पहले अपने भाई के साथ पटवारी से मुलाकात की थी और मानव मल खिलाए जाने के मामले में उनकी मदद मांगी थी. मुंगावली थाना प्रभारी जोगिंदर सिंह ने पीटीआई को बताया कि मूदरा बरवाह गांव निवासी लोधी समुदाय के युवक का दावा कि उसे मल खिलाया गया, झूठा है. सिंह ने आरोप लगाया कि पटवारी ने समाज में दुश्मनी फैलाने, जाति समुदायों के बीच लड़ाई को भड़काने और शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करके गुमराह करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके साथ मारपीट की गई, लेकिन उसने इस बात से इनकार किया कि उसे मल खिलाया गया था. राशन पर्ची को लेकर हुए विवाद में उसे पीटने और मल खिलाने का आरोप लगाया.
विपक्षी नेताओं को बदनाम करने की साजिश
कांग्रेस नेता ने कलेक्टर को फोन कर इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था. उन्होंने इस मुलाकात का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था. पुलिस ने पटवारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर ने एक बार फिर सत्तारूढ़ ताकतों की तानाशाही और पीड़ितों की आवाज को दबाने के उनके प्रयासों को उजागर किया है. उन्होंने दावा किया कि यह मामला सिर्फ एक एफआईआर तक सीमित नहीं है बल्कि सत्तारूढ़ दल द्वारा दबाव और हेरफेर की गहरी साजिश का हिस्सा है, जो विपक्षी नेताओं को बदनाम करने और सच्चाई को दबाने के लिए रची जा रही है.
कहा- मोहन सरकार के दबाव में पलटा युवक
पटवारी ने आगे बताया कि मामला सुर्खियों में आने के दो दिन बाद युवक ने अपने बयान से पलटते हुए कलेक्टर को दिए हलफनामे में दावा किया कि उसने उनके इशारे पर झूठे आरोप लगाए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि युवक के हलफनामे और एफआईआर के पीछे मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार का दबाव दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह पूरा मामला रातोंरात बदल गया, वह सत्ताधारी दल द्वारा सत्ता और प्रभाव के दुरुपयोग को दर्शाता है.
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