बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और और उपमुख्यमंत्रियों ने आपातकाल के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर घेरा है. बीजेपी ने आपातकाल को काला अध्याय बताया है.
Emergency: आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर बीजेपी नेता कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. इस कड़ी में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कांग्रेस पर वार किया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कहा, “इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अवैध रूप से आपातकाल लागू किया था. हम मांग करते हैं कि कांग्रेस पार्टी भारत के लोगों से तानाशाही थोपने, ऐसे देश पर आपातकाल लगाने के लिए बिना शर्त माफी मांगे. राहुल गांधी को यह महसूस करना चाहिए और याद रखना चाहिए कि यह उनका परिवार और उनकी पार्टी है जिन्होंने संविधान, संविधान की भावना और संविधान की आत्मा की हत्या की है.”
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “50 साल पहले इस देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की गई थी. आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने न सिर्फ सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाला था, बल्कि संविधान में भी इस तरह से बदलाव किया कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार खत्म हो गए. इंदिरा गांधी ने भारत के लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन भारत के लोकतंत्र सैनानियों ने ऐसी लड़ाई लड़ी कि भारत का लोकतंत्र बच गया.” दिल्ली के डिप्टी सीएम परवेश वर्मा ने कहा, “आज परिषद की बैठक में हमने आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और इसके साथ ही NDMC में लोकतंत्र सैनानियों के सम्मान के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. आपातकाल एक काला अध्याय है, हमारे संविधान की हत्या की गई थी और जिस पार्टी ने हत्या की वही आज संविधान की दुहाई दे रही है, यह और भी शर्मनाक है.”
सम्राट चौधरी ने भी साधा निशाना
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, “लोकतंत्र के हत्यारों को इस देश की जनता देख रही है.लोकतंत्र की हत्या करने वालों को पूरा देश समझता है और देश ने उन्हें सत्ता से बाहर भी कर दिया है. इसका जवाब कांग्रेस पार्टी को देना चाहिए और राजद को भी जवाब देना चाहिए कि वे लोकतंत्र के हत्यारों के साथ कैसे गठबंधन करते हैं. JP की गोद से अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले लालू यादव आज कांग्रेस की गोद में हैं.” महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “25 जून 1975 को आपातकाल लगाया गया था, आज इसके 50 साल हो रहे हैं और संविधान हत्या दिवस मनाया जा रहा है. हम इसे काला दिवस मानते हैं. सत्ता बचाने के लिए लोकतंत्र को खत्म किया गया, आपातकाल के विरोध में लोग सड़कों पर उतरे तो उन्हें जेल में डाल दिया गया. बालासाहेब ठाकरे जो भी कहते थे, खुलकर कहते थे, उन्होंने साफ कहा था कि अगर यह आपातकाल राष्ट्रहित के लिए है तो मैं इसका समर्थन करता हूं और अगर यह किसी की कुर्सी, सत्ता बचाने के लिए है तो मैं इसका विरोध करता हूं. जब मीडिया को कुचला गया तो इसके खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाने वाले व्यक्ति बालासाहेब ठाकरे थे.”
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