Team India: इससे पहले, न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भारत को 3-0 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था. यह 12 साल बाद पहला मौका था जब भारत ने अपनी जमीन पर टेस्ट सीरीज गंवाई.
Team India: इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी में बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद भी टीम इंडिया मुकाबले को नहीं जीत सकी. 5 विकेट से पहले मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन आखिर क्यों टेस्ट मुकाबलों में लगातार हार का भारतीय टीम का सिलसिला जारी है. भारतीय क्रिकेट टीम, जो कभी टेस्ट क्रिकेट में अपनी बादशाहत के लिए जानी जाती थी, आज अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है. पिछले 9 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया के प्रदर्शन ने फैंस को काफी ज्यादा निराश किया है. इन 9 टेस्ट में भारत को 7 हार का सामना करना पड़ा, केवल 1 जीत मिली और 1 मैच ड्रॉ रहा. ये आंकड़े काफी ज्यादा चौंकाने वाले हैं.
लीड्स में भारतीय टीम की हालत रही खराब
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए टेस्ट मैच में भारत को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. यह हार कई मायनों में शर्मनाक रही. भारतीय बल्लेबाजों ने इस मैच में 5 बल्लेबाजों ऋषभ पंत, केएल राहुल, शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल ने शतक जड़े, फिर भी टीम जीत नहीं पाई. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी टीम ने 5 शतक लगाने के बावजूद हार का सामना किया. खराब फील्डिंग और गेंदबाजी ने भारत की हार को और चिंताजनक बना दिया है. भारतीय खिलाड़ियों ने 9 कैच छोड़े, जिसमें बेन डकेट और ओली पोप जैसे बल्लेबाजों को कई मौके दिए गए. गेंदबाजों को पांचवें दिन की सपाट पिच पर कोई मदद नहीं मिली, और इंग्लैंड ने 371 रनों का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया.
न्यूजीलैंड कर चुका है भारत में ही क्लीन स्वीप
इससे पहले, न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भारत को 3-0 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था. यह 12 साल बाद पहला मौका था जब भारत ने अपनी जमीन पर टेस्ट सीरीज गंवाई. बेंगलुरु टेस्ट में तो भारत महज 46 रनों पर सिमट गया, जो घरेलू सरजमीं पर उसका सबसे कम स्कोर है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी कहानी ज्यादा अलग नहीं थी. पर्थ में शानदार जीत के बाद भारत ने अगले तीन में से दो टेस्ट गंवाए, और एक ड्रॉ रहा. एडिलेड के डे-नाइट टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 10 विकेट से रौंद दिया.
क्या हैं टीम इंडिया की लगातार हार के कारण
टीम इंडिया की इस गिरावट के कई कारण हैं. रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर प्लेयर सन्यास ले चुके हैं. गौतम गंभीर की कोचिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं. उनके कार्यकाल में भारत ने 11 में से 7 टेस्ट हारे हैं. गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह को छोड़कर अन्य गेंदबाज लगातार नाकाम रहे हैं. टेलएंडर्स का बल्लेबाजी में योगदान न देना भी भारत के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है. इसके अलावा भारतीय टीम की फील्डिंग को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
ये भी पढ़ें..नीरज चोपड़ा ने गोल्डन स्पाइक का खिताब जीतकर लहराया भारत का परचम, कहा- बचपन का सपना साकार