कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने लोकसभा में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को पहलगाम हमले की वजह बनी चूक की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. विपक्ष ने कई मुद्दों पर केंद्र को घेरा.
Congress asks question on Operation Sindoor: लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बहस हुई. बहस के दौरान कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्र सरकार को कई मुद्दों पर घेरा. केंद्र पर तीखा हमला करते हुए, गौरव गोगोई ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को पहलगाम हमले की वजह बनी चूक की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कितने भारतीय विमान गिराए गए. गौरव गोगोई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के इस दावे पर भी सरकार की आलोचना की कि उन्होंने “26 बार” भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का जिक्र किया. उन्होंने पूछा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसके सामने आत्मसमर्पण किया?”
‘ये सफलता कैसे है’
गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री उरी और पुलवामा हमले के बाद कहते रहे थे कि “हमने घर में घुस के मारा” और “हमने आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया”, और अब भी वही बयान दे रहे हैं. गोगोई ने कहा, “वे अब भी कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर अधूरा है और पाकिस्तान दोबारा ऐसा कर सकता है, तो फिर यह सफलता कैसे है? वे खुद कह रहे हैं कि हमारा इरादा युद्ध का नहीं था, ऐसा क्यों नहीं था? वे कहते हैं कि हमारा इरादा जमीन हड़पने का नहीं था, ऐसा क्यों नहीं था? हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को कब वापस लेंगे, आज नहीं तो कब? आपकी सरकार में सबसे भयानक आतंकी हमले हुए हैं. विपक्ष मोदी से जानना चाहता है कि अगर पाकिस्तान भारत के सामने घुटने टेकने को तैयार था, तो “हम क्यों रुके और आपने किसके सामने आत्मसमर्पण किया?अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ’26 बार’ यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने के लिए व्यापार की धमकी का इस्तेमाल किया. उनका कहना है कि पांच से छह विमान गिराए गए हैं. एक विमान करोड़ों-करोड़ों रुपये का है, इसलिए हम रक्षा मंत्री से जानना चाहते हैं कि देश में सच सुनने की हिम्मत है, उन्हें जवाब देना चाहिए कि कितने लड़ाकू विमान गिराए गए. ये जानकारी, ये सच्चाई सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए नहीं है; यह सैनिकों के लिए भी महत्वपूर्ण है, उनसे भी झूठ बोला जा रहा है.”
‘ये बहुत बड़ी क्षति है’
गौरव गोगोई ने कहा कि देश में सिर्फ “35 राफेल” हैं और अगर कुछ गिरे हैं, तो उन्हें लगता है कि “यह बहुत बड़ी क्षति है.” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पहले दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए, गोगोई ने कहा कि उन्होंने काफी जानकारी दी, लेकिन एक रक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने यह नहीं बताया कि आतंकवादी पहलगाम में कैसे आए. उन्होंने कहा, “देश जानना चाहता है कि 100 दिन बीत चुके हैं, लेकिन यह सरकार आतंकवादियों को सजा नहीं दिला पाई. गृह मंत्री कहते रहे कि आतंकवाद की कमर तोड़ दी गई है, लेकिन उरी, बालाकोट और पहलगाम जैसी घटनाएं फिर भी हुईं. जिम्मेदारी कौन लेगा, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल? जिम्मेदारी तो गृह मंत्री को ही लेनी चाहिए. आप उपराज्यपाल के पीछे नहीं छिप सकते. ये सरकार इतनी कायर और कमजोर है कि उन्होंने पहलगाम हमले के लिए टूर ऑपरेटरों को भी जिम्मेदार ठहरा दिया. सुरक्षा ढांचा और निर्णय लेने वाले लोग अहंकारी हो गए हैं, और वे ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे कोई उनसे सवाल ही नहीं कर सकता. लेकिन हम उनसे इन खामियों पर सवाल जरूर करेंगे. जब प्रधानमंत्री सऊदी अरब से लौटे, तो उन्हें पहलगाम जाना चाहिए था, लेकिन वे बिहार में एक राजनीतिक कार्यक्रम में गए.” इस पर सत्ता पक्ष और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कड़ा विरोध जताया और उनसे तथ्यों पर टिके रहने को कहा. गोगोई ने कहा, “अगर कोई पहलगाम गया था, तो वह हमारे नेता राहुल गांधी थे. अगर कोई मारे गए लोगों के लिए शहीद का दर्जा मांग रहा है, तो वह हमारे नेता राहुल गांधी हैं.”
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