अखिलेश यादव ने भारतीय सेना के शौर्य की जमकर तारीफ की है. अखिलेश यादव ने कहा कि अगर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के पास और समय होता तो वो पीओके पर कब्जा कर लेती.
Akhilesh Yadav on POK: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की बहादुरी के लिए उन्हें बधाई दी और कहा कि अगर उनके पास और समय होता तो वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी कब्जा कर लेते. अखिलेश यादव ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कि सरकार वोट बटोरने के लिए पाकिस्तान की बात करती है, लेकिन असली खतरा चीन है. उन्होंने कहा, “हम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनकी बहादुरी और उनके सामने आने वाली परिस्थितियों के लिए भारतीय सेना को बधाई देते हैं. अगर उन्हें और मौका मिलता, तो शायद वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी कब्जा कर लेते.”
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने सवाल किया कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अभी भी क्यों फरार हैं. उन्होंने पूछा, “आतंकवादी कहां गायब हो गए?” चीन को पाकिस्तान से बड़ा खतरा बताते हुए, उन्होंने केंद्र सरकार से चीन से माल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नीति लाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “सरकार को चीन से आयात पर 10 साल के लिए प्रतिबंध लगाने का फैसला करना चाहिए. उन्हें स्वदेशी अपनाने की योजना बनानी चाहिए. वे पाकिस्तान की बात इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें वोट चाहिए, लेकिन असली खतरा चीन से है.”
राहुल गांधी भी उठा चुके हैं सवाल
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप के दावों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब मांगते हुए कहा कि ट्रंप ने 25 बार दावा किया कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया. राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करके पूछा कि भारत की विदेश नीति क्यों कमजोर दिख रही है और कोई भी देश पाकिस्तान की निंदा में भारत का साथ क्यों नहीं दे रहा. उन्होंने ट्रंप के दावों पर मोदी की चुप्पी को “रहस्यमयी” बताया और संसद में इस पर चर्चा की मांग की. राहुल गांधी ने ये भी आरोप लगाया कि भारत-पाकिस्तान को एक साथ जोड़ना (हाइफनेशन) भारत की कूटनीतिक विफलता है. उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर भी निशाना साधा, उनकी चुप्पी को “निंदनीय” करार दिया. दूसरी ओर, बीजेपी ने गांधी पर पलटवार करते हुए उन्हें “पाकिस्तान का समर्थक” बताया और कहा कि ट्रंप ने भारत का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया. ये विवाद भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों पर एक गंभीर बहस को जन्म दे रहा है.
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