Home राज्यUttar Pradesh मायावती का बड़ा दावा-बैलेट पेपर से चुनाव हो तो बसपा फिर आ सकती है सत्ता में, भाजपा और विपक्ष पर लगाया ये आरोप

मायावती का बड़ा दावा-बैलेट पेपर से चुनाव हो तो बसपा फिर आ सकती है सत्ता में, भाजपा और विपक्ष पर लगाया ये आरोप

by Sanjay Kumar Srivastava
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Kumari Mayawati, Former Rajya Sabha Member and BSP Chief

मायावती ने कहा कि बीएसपी उम्मीदवारों को हराने के लिए ईवीएम में हेरफेर की जा रही है ताकि बीएसपी में दलित और हाशिए के मतदाताओं का भरोसा तोड़ा जा सके.

Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के बजाय मतपत्रों के जरिए चुनाव कराए जाएं तो उनकी पार्टी के अच्छे दिन लौट आएंगे और फिर सत्ता में आ सकती है. लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी चुनाव मतपत्रों के जरिए कराने की अपनी मांग दोहराई. आरोप लगाया कि बसपा उम्मीदवारों को जीतने से रोकने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ की जा रही है. उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्ष दोनों में जातिवादी विचारधारा वाली पार्टियां दलित और अन्य हाशिए के समुदायों के कुछ अवसरवादी और स्वार्थी व्यक्तियों को पर्दे के पीछे से मैनेज कर रही हैं.

दलितों का भरोसा तोड़ने के लिए EVM में हेराफेरी

कहा कि इन तत्वों का इस्तेमाल विभिन्न संगठनों और पार्टियों को बनाने के लिए किया जा रहा है जो हमारे समर्थन आधार को गुमराह कर रहे हैं और बसपा के गढ़ों में वोटों को विभाजित कर रहे हैं, खासकर उत्तर प्रदेश में. उन्होंने दावा किया कि ये पार्टियां न केवल अवसरवादी संगठनों का निर्माण और पालन-पोषण कर रही हैं, बल्कि चुनावों में अपने वोट भी उनके पास स्थानांतरित कर रही हैं, ताकि उनके कुछ उम्मीदवारों को जिताने में मदद मिल सके, जिससे बीएसपी की संभावनाएं कमजोर हो रही हैं. मायावती ने कहा कि इसके अलावा बीएसपी उम्मीदवारों को हराने के लिए ईवीएम में हेरफेर की जा रही है, ताकि बीएसपी में दलित और हाशिए के मतदाताओं का भरोसा तोड़ा जा सके.

सत्ता परिवर्तन के बाद बैलेट पेपर से चुनाव की उम्मीद

उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर अब कई विपक्षी दलों द्वारा चिंता जताई जा रही है. उन्होंने कहा कि बीएसपी सहित अधिकांश विपक्षी दल अब चाहते हैं कि सभी चुनाव, चाहे बड़े हों या छोटे, पहले की तरह मतपत्रों के जरिए कराए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि मौजूदा सरकार के तहत यह संभव नहीं हो सकता है, लेकिन हमें उम्मीद है कि सत्ता परिवर्तन के बाद ऐसा हो सकता है. मायावती ने भरोसा जताया कि अगर चुनावी प्रक्रिया फिर से मतपत्रों पर आधारित हो जाए तो बसपा अपनी खोई राजनीतिक जमीन वापस पा लेगी और उसके अच्छे दिन फिर से आ जाएंगे.

पार्टी कार्यकर्ताओं को किया आगाह

उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को स्वार्थी और अवसरवादी संगठनों और पार्टियों के खिलाफ भी आगाह किया. उन्होंने कहा कि भले ही इन समूहों के नेता अपने निजी लाभ के लिए सांसद, विधायक या मंत्री बन जाएं, लेकिन इससे दलितों और हाशिए के वर्गों को कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा. बसपा सुप्रीमो ने देश की जीडीपी वृद्धि में बहुजनों की न्यायसंगत भागीदारी की कमी की भी आलोचना की और मौजूदा गरीबी व बेरोजगारी को चिंता का विषय बताया.

गरीबी व बेरोजगारी पर जताई चिंता

उन्होंने आरोप लगाया कि देश की सीमाएं वर्षों से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं, जिसके परिणामस्वरूप लगातार आतंकवादी घटनाएं होती हैं. पहलगाम आतंकवादी हमले पर, उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद और चिंताजनक है और ऐसी घटनाओं के राजनीतिकरण की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे संवेदनशील मामलों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है, जबिक ऐसा नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में कांग्रेस संगठन में नई जान फूंकेंगे राहुल गांधी, बनाया प्लान, ये नेता होंगे बैठक में शामिल

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