Home National संविधान पर आर-पार! BJP और RSS पर जमकर बरसे विपक्षी नेता, राहुल-अखिलेश ने लगाया आरोप

संविधान पर आर-पार! BJP और RSS पर जमकर बरसे विपक्षी नेता, राहुल-अखिलेश ने लगाया आरोप

by Vikas Kumar
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Rahul Gandhi and Akhilesh Yadav

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयान पर तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने पलटवार किया है. एक्स पर पोस्ट करके राहुल और अखिलेश ने निशाना साधा है.

Opposition Slams BJP-RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के संविधान पर दिए हालिया बयान पर विपक्ष हमलावर है. विपक्षी नेता लगातार इस मुद्दे पर बीजेपी को बीजेपी और आरएसएस को घेर रहे हैं. इस कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “RSS का नकाब फिर से उतर गया. संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है. RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए. ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं. संविधान जैसा ताकतवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है. RSS ये सपना देखना बंद करे – हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे. हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा.” कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा, “यह RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले हैं. इन्होंने संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग की है. RSS और BJP किसी भी कीमत पर संविधान को बदलना क्यों चाहते हैं?”

अखिलेश यादव ने साधा निशाना

अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा,”दो शब्दों का तो बहाना है दरअसल भाजपा और उनके संगी साथियों का लक्ष्य तो पूरा संविधान हटाना है.इसीलिए संविधान बचाना है तो भाजपा को ही हटाना है.” कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने लिखा, “जो बात लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा के नेता बोल रहे थे, आज उसी बात को दोहराने आरएसएस खुल कर सामने आ गई है. संविधान इस देश के हर नागरिक की ढाल है, उस पर आंख उठाने की जुर्रत भी ना करे संघ अथवा भाजपा.”

लालू प्रसाद यादव ने क्या कहा?

लालू प्रसाद यादव ने लिखा, “देश के सबसे बड़े जातिवादी और नफरती संगठन RSS ने संविधान बदलने की बात कही है. इनकी इतनी हिम्मत नहीं कि संविधान और आरक्षण की तरफ आंख उठाकर देख सके. अन्यायी चरित्र के लोगों के मन व विचार में लोकतंत्र एवं बाबा साहेब के संविधान के प्रति इतनी घृणा क्यों है?” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, “आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया. 30 नवंबर 1949 से ही उसने डॉ. अंबेडकर, नेहरू और संविधान निर्माण से जुड़े अन्य लोगों पर हमले किए. स्वयं आरएसएस के शब्दों में, यह संविधान मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था. आरएसएस और बीजेपी ने बार-बार नए संविधान की मांग उठाई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में यही प्रधानमंत्री मोदी का चुनावी नारा था. लेकिन भारत की जनता ने इस नारे को निर्णायक रूप से खारिज कर दिया. फिर भी, संविधान की मूल ढांचे को बदलने की मांग लगातार आरएसएस इकोसिस्टम द्वारा की जाती रही है.भारत के मुख्य न्यायाधीश ने स्वयं 25 नवंबर 2024 को उसी मुद्दे पर एक फैसला सुनाया था, जिसे अब एक प्रमुख आरएसएस पदाधिकारी द्वारा फिर से उठाया जा रहा है. क्या वे कम से कम उस फैसले को पढ़ने का कष्ट करेंगे.”

ये भी पढ़ें- आरएसएस नेता के बयान पर छिड़ा घमासान! केरल के सीएम विजयन ने किया जोरदार पलटवार

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