Rakesh Tikait News : भारतीय किसान यूनियन के दिग्गज नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सत्तासीन केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
17 April, 2024
Rakesh Tikait News : लोकसभा चुनाव 2024 की गहमागहमी के बीच केंद्र सरकार पर राकेश टिकैत ने गंभीर आरोप लगाया है. बुधवार को उन्होंने कहा कि पहले किसानों को विभाजित किया गया फिर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) में फूट डाली गई. उन्होंने कहा कि SKM ने 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था. एसकेएम के बैनर तले बड़ी संख्या में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि बाद में सरकार ने इन कृषि कानूनों को बाद में निरस्त कर दिया गया था.
सरकार ने डाली किसानों में फूट
राकेश टिकैत का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा एकजुट होकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ था, लेकिन बाद में कुछ लोग अलग हो गए. भारत सरकार एक और आंदोलन खड़ा करना चाहती थी और उन्होंने इसे खड़ा भी किया. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता टिकैत ने कहा कि विभाजन के कारण संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) बना. एसकेएम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित किसानों की मांगों को लेकर एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के जारी आंदोलन का हिस्सा नहीं है.
किसानों पर बल प्रयोग की निंदा
यह आंदोलन 13 फरवरी को संगठनों के ‘‘दिल्ली चलो’’ मार्च के आह्वान के साथ शुरू हुआ था और तब से किसान, मुख्य रूप से पंजाब से, हरियाणा पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद शंभू सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्ता में है और शंभू सीमा पर जारी आंदोलन में ज्यादातर किसान इस राज्य से हैं. सीमा पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पिछली झड़पों का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि एसकेएम ने किसानों के खिलाफ बल प्रयोग की निंदा की है. उन्होंने दावा किया कि हालांकि अलग हुए समूह एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने एसकेएम के साथ कोई चर्चा शुरू करने की कोशिश नहीं की है.
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