Union Budget 2024: उत्तर प्रदेश का भदोही जिला हाथ से बुने कालीन के लिए दुनियाभर में मशहूर है. इसी के चलते इसे भारत के सबसे बड़े बुनाई केंद्रों में से एक माना जाता है.
11 July, 2024
Union Budget 2024: उत्तर प्रदेश का भदोही जिला देश में कालीन बुनाई का बड़ा केंद्र है. कुशल कारीगरों के हाथ से बुने कालीन अपनी बारीक डिजाइन के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं, लेकिन अब उद्योग को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस महीने 23 जुलाई को NDA सरकार यानी मोदी 3.0 का पहला केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. भदोही के कालीन उद्योग को बजट में ऐसे उपायों की उम्मीद है, जो इस उद्योग में नई जान फूंक सके.
बुनकरों ने की सरकार से यह खास डिमांड
कई बुनकरों का कहना है कि लगातार काम न मिलने से उनकी रोजी-रोटी तक मुश्किल में है. एक कालीन बुनकर आमिर का कहना है कि हम सरकार से यही अपेक्षा कर रहे हैं कि जो कालीन पर GST है, उसको कम करे. ऐसा करने से हमारे घर का खर्च चल सकेगा और बच्चे उच्च शिक्षा कर सकेंगे. एक और बुनकर रीना मिश्रा ने बताया कि हम तो सरकार से बस यही कहना चाहते हैं कि हमारी मदद करे नहीं तो हम पूरे साल अपनी रोजी-रोटी नहीं चला सकेंगे क्योंकि बारिश की वजह से सब बंद हो जाएगा.
बुनकरों को मिलती है बहुत कम मजदूरी
बुनकर समीर अंसारी का कहना है कि हम लोग यहां 300 से 400 रुपये कमाते हैं. सरकार कुछ ऐसा करें कि हम लोगों का कुछ पैसा बढ़े. हम मजदूर हैं इतने में हमारे बच्चो की पढा़ई-लिखाई नहीं हो पाती है. हम तो बुनने वाले गरीब आदमी हैं, लेकिन सरकार कुछ ऐसा करे कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई अच्छी हो जाए और घर-परिवार भी ठीक से चले. कालीन बनाने वालों का कहना है कि उन्हें मजदूरों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार की मनरेगा योजना से कुछ राहत
कई मजदूर केंद्र सरकार की मनरेगा योजना में काम करना पसंद करते हैं. वहां उन्हें ज्यादा मजदूरी मिलती है. कालीन बनाने वाले मुशीर इकबाल ने बताया कि सरकार ने जो मनरेगा स्कीम चलाई हुई है उससे भी हमारे कालीन उद्योग पर असर पड़ा है, क्योंकि मनरेगा में ज्यदा पैसा मिल रहा है कालीन उद्योग में बुनकरों को कम पैसा मिल पा रहा है. इसी वजह से कालीन उद्योग कम हो गया है जिससे कालीन इंडस्ट्री पर असर पड़ रहा है. यहां आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन लगातार 7वीं बार बजट पेश करने जा रही हैं. भदोही के कालीन बुनकरों को उम्मीद है कि उनकी गुहार सुनी जाएगी और बजट में उनकी हालत सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
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