Home Top News संविधान पर घमासान के बीच BJP ने बनाई RSS से दूरी! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ये क्या कह दिया

संविधान पर घमासान के बीच BJP ने बनाई RSS से दूरी! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ये क्या कह दिया

by Vikas Kumar
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Jagdeep Dhankhar

संविधान की प्रस्तावना पर आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के बयान के बाद मचे घमासान पर अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी चुप्पी तोड़ी है.

Jagdeep Dhankhar on Constitution: संविधान की प्रस्तावना पर जारी बवाल के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ दी है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना बच्चों के लिए माता-पिता की तरह है और इसे बदला नहीं जा सकता, चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले. जगदीप धनखड़ ने कहा, ” संविधान की प्रस्तावना को लेकर कई मुद्दे रहे हैं. भारतीय संविधान की प्रस्तावना बच्चों के लिए माता-पिता की तरह है. आप कितनी भी कोशिश कर लें, आप अपने माता-पिता की भूमिका को नहीं बदल सकते. ये किसी भी रूप में संभव ही नहीं है.”

जगदीप धनखड़ ने जताया अफसोस

कोच्चि स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज (एनयूएएलएस) में स्टूडेंट्स और टीचर्स से बातचीत करते हुए जगदीप धनखड़ ने यह भी कहा कि ऐतिहासिक रूप से किसी भी देश की प्रस्तावना में कभी बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में आपातकाल के दौरान बदलाव किया गया था. आपातकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे संविधान की प्रस्तावना में उस समय बदलाव किया गया था, जब सैकड़ों-हजारों लोग जेल में थे, यह हमारे लोकतंत्र का सबसे काला दौर था- आपातकाल का दौर.”

आखिर बवाल क्यों मचा है?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आरएसएस ने संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा करने की मांग की है. आरएसएस का कहना है कि इन्हें आपातकाल के दौरान शामिल किया गया था और ये कभी भी बी आर अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान का हिस्सा नहीं थे. 26 जून को नई दिल्ली में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, “बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना में कभी भी इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया. ये शब्द आपातकाल के दौरान जोड़े गए थे, जब मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे, संसद काम नहीं कर रही थी और न्यायपालिका लंगड़ी हो गई थी.” दत्तात्रेय होसबाले का ये बयान कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों को नागवार गुजरा और उन्होंने जमकर इस बयान पर अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी कांग्रेस नेताओं ने पोस्ट करके बीजेपी और आरएसएश को घेरा था. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस समेत विपक्षी राजनीतिक दलों के INDIA गठबंधन के तमाम नेताओं ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि अगर दोबारा बीजेपी को सत्ता की चाबी सौंपी गई तो ये संविधान को खत्म कर देंगे.

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