मौसम कार्यालय ने 10 जुलाई (गुरुवार) तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की पीली चेतावनी जारी की है. अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान 572 करोड़ रुपये है.
Shimla: हिमाचल में पिछले सप्ताह मंडी जिले के थुनाग, गोहर और करसोग उपमंडलों में बादल फटने,अचानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद लापता हुए 30 लोगों का पता लगाने के लिए सरकार ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद ले रही है.सरकार ने राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है. राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और होमगार्ड के लगभग 250 जवान प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर खोज और बचाव कार्य कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा 20 टीमें सूचना जुटा रही हैं और दुर्गम इलाकों में राशन और मेडिकल किट बांट रही हैं. अब तक प्रभावित लोगों को 1,538 राशन किट बांटे जा चुके हैं और 12.44 लाख रुपये की तत्काल राहत प्रदान की गई है.

मंडी जिले में 183 सड़कें क्षतिग्रस्त
उन्होंने बताया कि थुनाग और जंझेली क्षेत्रों में पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि भेजी जा रही है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, कुल 215 मवेशी मारे गए हैं, जबकि 494 लोगों को बचाया गया है. रविवार शाम तक राज्य में 243 सड़कें बंद थीं, जिनमें से 183 अकेले मंडी जिले में हैं. अधिकारियों ने बताया कि राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 241 ट्रांसफार्मर और 278 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुईं.

आपदा से 700 करोड़ का नुकसानः सीएम
नांगल डैम में 56 मिमी बारिश हुई, इसके बाद ओलिंडा (46 मिमी), बर्थिन (44.6 मिमी), ऊना (43 मिमी), नैना देवी (36.4 मिमी), गोहर (29 मिमी) और ब्राह्मणी (28.4 मिमी) में बारिश हुई. स्थानीय मौसम कार्यालय ने 10 जुलाई (गुरुवार) तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की पीली चेतावनी जारी की है. एसईओसी के अनुसार, अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 572 करोड़ रुपये है. हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आंकड़ा 700 करोड़ रुपये के करीब है क्योंकि डेटा अभी भी संकलित किया जा रहा है. 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में 78 मौत हुई है, जिनमें से 50 बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं से जुड़ी थीं.

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