Home राज्यBihar ‘बिहार में छूट न जाए कोई भी मतदाता…’ CPI महासचिव डी राजा ने चुनाव आयोग से किया आग्रह!

‘बिहार में छूट न जाए कोई भी मतदाता…’ CPI महासचिव डी राजा ने चुनाव आयोग से किया आग्रह!

by Sachin Kumar
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Bihar Election 2025 :सीपीआई महासचिव ने कहा कि चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया ने कई समस्याएं पैदा की थी और हमने इन मुद्दों को जोरशोर से उठाया था. लेकिन अब EC का काम राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है.

Bihar Election 2025 : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का चुनाव आयोग ने एलान कर दिया है और इस बार राज्य दो चरणों में चुनाव करवाने का फैसला किया है. बिहार में 6 और 11 नवंबर को मतदान किया जाएगा, जबकि परिणामों की घोषणा 14 नवंबर को होगी. इलेक्शन कमीशन के इस फैसले से लगभग सभी राजनीतिक दल सहमत हैं, अभी तक किसी ने विरोध नहीं किया है. इसी बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव डी राजा (D. Raja) ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग का संवैधानिक कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान कोई मतदाता छूट न जाए. बता दें कि वामपंथी नेताओं ने बिहार में आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर सवाल खड़े किए थे.

EC कराएं स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव

CPI महासचिव डी राजा ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. इससे पहले बिहार में SIR करवाया गया, जिस पर सभी विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और कोर्ट के आदेश के बाद ही आधार कार्ड के साथ अन्य दस्तावेजों को पंजीकरण के लिए अनुमति दी गई थी. यह चुनाव सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का संवैधानिक कर्तव्य है कि कोई योग्य मतदाता चुनाव से न छूटे. चुनाव आयोग को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित प्राधिकारी का यह कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करें कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता एक बार फिर बहाल हो. अगर ऐसा होता है तो बिहार में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में काफी मदद मिलेगी.

उचित संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेंगे

CPI महासचिव ने कहा कि चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया ने कई समस्याएं पैदा की थी और हमने इन मुद्दों को जोरशोर से उठाया था. शीर्ष अदालत को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था. इसके अलावा बिहार में मतदाताओं की कुल संख्या 30 सितंबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची में घटकर 7.42 करोड़ वोटर्स रह गए. इससे पहले मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी. हालांकि, अंतिम संख्या 1 अगस्त को जारी की गई मसौदा सूची में 7.24 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नाम शामिल थे. इसके बाद मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव समेत विभिन्न कारणों से मूल सूची से 65 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया था. दूसरी तरफ महागठबंधन में सीट बंटवारे के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बहुत जल्द सुलझा लिया जाएगा और हम आगामी विधानसभा चुनावों में उचित संख्या में सीटों पर लड़ेंगे.

यह भी पढ़ें- मशहूर गायिका मैथिली ठाकुर लड़ सकती हैं चुनाव, कहा- मौका मिला तो जरूर लडूंगी इलेक्शन

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