Chhattisgarh Government: असंगठित मजदूरों और उनके परिवारों को अटल श्रम सशक्तिकरण योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं, भोजन और वित्तीय सुरक्षा को कवर करने वाली सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.
Chhattisgarh Government: छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों के कल्याण को लेकर गंभीर है. विष्णु देव साय सरकार ने श्रमिकों के लिए ‘श्रमेव जयते’ पोर्टल शुरू किया है. छत्तीसगढ़ में असंगठित मजदूरों और उनके परिवारों को अटल श्रम सशक्तिकरण योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं, भोजन और वित्तीय सुरक्षा को कवर करने वाली सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार अटल श्रम सशक्तिकरण योजना चला रही है, जिसका उद्देश्य असंगठित श्रमिकों और उनके परिवारों के समग्र विकास और कल्याण के लिए है. पहल के एक हिस्से के रूप में मजदूर “श्रमेव जयते” पोर्टल के माध्यम से सभी सरकारी योजनाओं का उपयोग कर सकते हैं.
हृदय, गुर्दे और मस्तिष्क रोगों का कैशलेस इलाज
कहा गया है कि राज्य ने हृदय, गुर्दे और मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों के साथ-साथ सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में जटिल सर्जरी के लिए कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए 106 निजी अस्पतालों के साथ समझौता किया है. श्रमिक बहुल क्षेत्रों तिल्दा और उरला (रायपुर) और लारा और खरसिया (रायगढ़) में नए औषधालय स्थापित करने के प्रयास भी चल रहे हैं. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने बीमित लाभार्थियों को कैशलेस आधार पर तृतीयक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 106 निजी अस्पतालों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. सरकार ने कहा है कि इन अस्पतालों में विभिन्न प्रकार के हृदय, गुर्दे और मस्तिष्क रोगों, जटिल सर्जरी आदि से संबंधित उपचार का प्रावधान है. सरकार ने कहा कि ईएसआईसी ने रायपुर और कोरबा में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल बनाए हैं. बयान में कहा गया है कि भिलाई और रायगढ़ में 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों का निर्माण कार्य चल रहा है और ईएसआईसी ने बिलासपुर में भी इसी तरह के अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दे दी है.
श्रमिकों के लिए इन पांच राज्यों में बनेंगे भवन
खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना शुरू की है, जिसके तहत श्रमिक केवल 5 रुपए में पूरा भोजन प्राप्त कर सकते हैं. वर्तमान में पहले चरण में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, महासमुंद और सूरजपुर में 21 ऐसे केंद्र चालू हैं. इसके बाद अगले चरण में नौ जिलों में 24 और केंद्रों की योजना है. राज्य सरकार पहले चरण में पांच राज्यों – उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, गुजरात और महाराष्ट्र में “मोर चिन्हारी भवन” का निर्माण करेगी, जहां बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिक रहते हैं. आर्थिक गतिविधियों के लिए पंजीकृत श्रमिकों द्वारा लिए गए ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करने के लिए जल्द ही एक नई योजना शुरू की जाएगी. कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए संभाग स्तर पर श्रम कल्याण कार्यालय भी स्थापित किए जा रहे हैं.
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