Home राज्यDelhi दिल्ली HC ने राजनीतिक दल को चुनाव चिह्न आवंटित करने का निर्देश दिया, इस पार्टी ने दायर की थी याचिका

दिल्ली HC ने राजनीतिक दल को चुनाव चिह्न आवंटित करने का निर्देश दिया, इस पार्टी ने दायर की थी याचिका

by Sachin Kumar
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Delhi High Court : बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है और सभी राजनीतिक दलों ने इसके लिए कमर कस ली है. इसी कड़ी में एक पार्टी दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची और उसने याचिका दायर करके चुनाव चिह्न की मांग की.

Delhi High Court : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को अखिल भारतीय जनसंघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव चिह्न आवंटित करें. न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने राजनीतिक दल को चुनाव चिह्न के लिए इलेक्शन कमीशन के समक्ष आवेदन करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि यह निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता को बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तत्काल एक समान इलेक्शन सिंबल आवंटित किया जाए. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि पार्टी की स्थापना 1951 में हुई थी, जबकि 1979 में इसका नाम बदल दिया गया था.

आंध्र प्रदेश में मिला था सितार चिह्न

वहीं, याचिका में कहा गया है कि पार्टी अपने पूरे अस्तित्व के दौरान चुनाव लड़ती रही है और समय-समय पर चुनाव लड़ने के लिए इलेक्शन कमीशन ने चिह्न भी आवेदन करती रही है. याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2024 में हिस्सा लिया था और इस दौरान उसके चुनाव चिह्न के रूप में सितार आवंटित किया गया था. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को संवैधानिक गारंटी और वैधानिक सुरक्षा उपायों के अधीन चुनाव लड़ने का अधिकार देता है और अगर चुनाव चिह्न मुहैया नहीं हुआ तो वह इलेक्शन लड़ने से वंचित रह जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने का पूरा अधिकार और बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है.

संवैधानिक अधिकारों का होगा उल्लंघन

पार्टी ने कहा कि अगर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव चिह्न मुहैया नहीं कराया जाता है तो ये उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा. पार्टी ने दावा किया कि वह लगातार चुनाव लड़ती आ रही है और अलग-अलग राज्यों में विभिन्न चुनाव चिह्न को लेकर मैदान में उतरती है. इसके साथ ही जिस भी राज्य में उसे चुनाव लड़ना होता है वह इलेक्शन कमीशन में आवेदन करती है और चिह्न मिलने के बाद इलेक्शन लड़ने का काम करती है. इसके अलावा वह साल 1951 से चुनाव लड़ती हुई आ रही है और 1979 से में उसका नाम बदल गया था. इसके अलावा पार्टी यह भी कहती है कि वह भारतीय जन संघ का हिस्सा थी और उसके बाद मतभेद के चलते अलग हो गई.

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