Loco Pilot Appointment: नियमों के अनुसार, पुनः नियोजित लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों को केवल इंजनों की शंटिंग और साइडिंग के लिए नियुक्त किया जाएगा, न कि किसी मुख्य लाइन ट्रेन संचालन के लिए.
Loco Pilot Appointment: रेलवे बोर्ड ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संविदा के आधार पर पुनः नियोजित करने और रिक्त पदों की संख्या कम करने की अपनी नीति के अनुसरण में पूर्व लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की पुनः नियुक्ति के लिए मानदंड तैयार किए हैं. नियमों के अनुसार, पुनः नियोजित लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों को केवल इंजनों की शंटिंग और साइडिंग के लिए नियुक्त किया जाएगा, न कि किसी मुख्य लाइन ट्रेन संचालन के लिए. हालांकि, लोको पायलट यूनियन ने इस कदम का विरोध किया है और मांग की है कि बोर्ड सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुनः नियोजित करने के बजाय भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाए.
केवल शंटिंग संचालन और साइडिंग कार्य के लिए
जून में जारी अपनी पुनर्नियुक्ति नीति का हवाला देते हुए रेलवे बोर्ड ने 19 अगस्त के एक परिपत्र में कहा कि लोको पायलटों, सहायक लोको पायलटों (डीजल और इलेक्ट्रिक दोनों) और ट्रेन प्रबंधकों की स्पष्ट कमी को देखते हुए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार सेवानिवृत्त लोको पायलटों, सहायक लोको पायलटों (डीजल और इलेक्ट्रिक दोनों) और ट्रेन प्रबंधकों की पुनः नियुक्ति की अनुमति है. इसमें कहा गया है कि ऐसे पुनः नियोजित रनिंग कर्मचारियों का उपयोग केवल शंटिंग संचालन और साइडिंग कार्य के लिए किया जाना चाहिए. उन्हें किसी भी स्थिति में मेनलाइन यातायात के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. पुनः नियोजित कर्मचारियों के पास उस पद की चिकित्सा श्रेणी के लिए अपेक्षित योग्यता होनी चाहिए जिसके लिए पुनः नियोजित किया जा रहा है.
ट्रेनों की परिचालन सुरक्षा पर जोर
बोर्ड के परिपत्र में कहा गया है कि ऐसे सेवानिवृत्त रनिंग कर्मचारियों का उपयोग रेलवे सेवक (रोजगार के घंटे) नियम, 2005 के अनुसार रोस्टर ड्यूटी के तहत किया जाएगा, जिसमें रनिंग कर्मचारियों के लिए मानक कार्य घंटों का पालन किया जाएगा, जो प्रति सप्ताह 48 घंटे है. इसमें कहा गया है कि पुनः नियुक्ति के बाद, तैनाती से पहले प्रासंगिक पुनश्चर्या और सीखने का अवसर सुनिश्चित किया जाना चाहिए. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने हाल ही में लोको पायलटों के लिए कई लाभ शुरू किए हैं और लंबे समय में इस कमी को दूर करने के लिए एक बड़ी भर्ती प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. एक अधिकारी ने कहा कि शंटिंग और साइडिंग के काम में लगे लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों को मुख्य लाइन पर लाया जाएगा और सेवानिवृत्त रनिंग स्टाफ को ऐसे कामों के लिए लगाया जाएगा. इससे ट्रेनों की परिचालन सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
पदोन्नति के अवसर होंगे कमः यूनियन
हालांकि, लोको पायलट यूनियन ने इस कदम का विरोध किया है. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव केसी जेम्स ने कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड के माध्यम से सहायक लोको पायलटों की भर्ती बहुत धीमी गति से चल रही है क्योंकि संबंधित अधिकारियों द्वारा अधिसूचना जारी किए 20 महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया अभी भी आधी-अधूरी है. उन्होंने आगे कहा कि पुनर्नियुक्ति कर्मचारियों के साथ-साथ युवाओं के भी ख़िलाफ़ है. इससे कर्मचारियों के पदोन्नति के अवसर में देरी होगी और युवाओं को रोज़गार से वंचित किया जाएगा. इससे कार्य संस्कृति भी बर्बाद होगी. यूनियन ने सरकार की नीति का विरोध करते हुए रेलवे बोर्ड के आदेश के ख़िलाफ़ 27 अगस्त, 2025 को सभी लॉबियों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का फ़ैसला किया है.
ये भी पढ़ेंः बदलावः SSC भर्ती प्रक्रिया अब 18 महीने से घटकर 6-10 महीने में पूरी, 13 क्षेत्रीय भाषाओं में होंगी प्रमुख परीक्षाएं
