Home राज्यDelhi केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा-दिल्ली चिड़ियाघर का नहीं होगा निजीकरण, जयराम रमेश के दावे को किया खारिज

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा-दिल्ली चिड़ियाघर का नहीं होगा निजीकरण, जयराम रमेश के दावे को किया खारिज

by Sanjay Kumar Srivastava
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यादव ने रमेश की टिप्पणी के जवाब में एक्स पर कहा कि कुछ लोगों ने हर मौके पर जनता के मन में संदेह पैदा करने की आदत बना ली है.

New Delhi: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि दिल्ली चिड़ियाघर का निजीकरण नहीं होगा.सरकार के पास इस तरह की कोई योजना नहीं है. मंत्री ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि सरकार दिल्ली चिड़ियाघर का निजीकरण करने जा रही है. चिड़ियाघर को एक औद्योगिक घराने को सौंपा जा रहा है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश की दिल्ली चिड़ियाघर के रिलायंस समूह की गुजरात स्थित वन्यजीव सुविधा के साथ प्रस्तावित समझौते के बारे में आलोचना को खारिज कर दिया और कहा कि इस तरह के सहयोग नियमित हैं. इसका उद्देश्य पशु देखभाल और प्रबंधन प्रथाओं में सुधार करना है.

दिल्ली चिड़ियाघर का होगा आधुनिकीकरण

यादव ने रमेश की टिप्पणी के जवाब में एक्स पर कहा कि कुछ लोगों ने हर मौके पर जनता के मन में संदेह पैदा करने की आदत बना ली है.उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (एनजेडपी), जिसे दिल्ली चिड़ियाघर के रूप में भी जाना जाता है, ने जनवरी 2021 में गुजरात के जामनगर में ग्रीन्स जूलॉजिकल, रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (जीजेडआरआरसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे. केंद्र का प्रबंधन रिलायंस फाउंडेशन द्वारा वंतारा पहल के तहत किया जाता है. यादव ने कहा कि प्रस्तावित एमओयू का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण, बचाव, पुनर्वास, पशु स्वास्थ्य और कल्याण में सहयोग को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि 60 साल पुराना संस्थान दिल्ली चिड़ियाघर अपनी सुविधाओं का आधुनिकीकरण करना चाहता है और पशु कल्याण तथा आगंतुकों के अनुभव में वैश्विक मानकों को अपनाना चाहता है.

कांग्रेस महासचिव ने कही थी निजी संस्था को सौंपने की बात

उन्होंने कहा कि जीजेडआरआरसी ने पशु स्वास्थ्य, चिड़ियाघर डिजाइन और आवास संवर्धन में अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की हैं. एनजेडपी का लक्ष्य इन सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना है. यादव ने कहा कि इस तरह के सहयोग नए नहीं हैं. मंत्री का यह बयान कांग्रेस महासचिव रमेश द्वारा दिल्ली चिड़ियाघर के प्रबंधन को एक निजी संस्था को सौंपने की गुप्त योजना पर चिंता जताए जाने के कुछ दिनों बाद आया है. कांग्रेस महासचिव रमेश ने एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में दिल्ली चिड़ियाघर है. यह बेहतर प्रबंधन के लिए एकमात्र वनतारा और गुजरात सरकार के साथ समझौते की योजना बना रहा है.

कांग्रेस नेता ने पारदर्शिता की कमी पर जताई आपत्ति

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह चिड़ियाघर को निजी उद्यम को सौंपने की दिशा में पहला कदम है. उन्होंने कहा कि जबकि सरकार दावा करती है कि यह प्रबंधन हस्तांतरण नहीं है, लेकिन इसका पिछला रिकॉर्ड भरोसा नहीं जगाता है. रमेश ने प्रस्तावित समझौते के बारे में पारदर्शिता की कमी पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने तर्क दिया कि चिड़ियाघर, राष्ट्रीय उद्यान, बाघ अभयारण्य और वन्यजीव अभयारण्य जैसे सार्वजनिक स्थान महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाएं हैं और इनका किसी भी रूप में निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए.जवाब में पर्यावरण मंत्री ने जोर देकर कहा कि दिल्ली चिड़ियाघर को किसी निजी संस्था को नहीं सौंपा जा रहा है.

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