Home Top News ‘चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना’, जम्मू-कश्मीर से पीएम मोदी की ललकार, जानें क्या कहा

‘चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना’, जम्मू-कश्मीर से पीएम मोदी की ललकार, जानें क्या कहा

by Vikas Kumar
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चिनाब पुल और अंजी पुल के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी काफी उत्साह में नजर आए. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पुल की खासियत भी बताई.

चिनाब पुल और अंजी पुल के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी काफी उत्साह में नजर आए. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पुल की खासियत भी बताई.

PM Modi in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल और अंजी पुल का उद्घाटन देश की तरक्की का नया अध्याय बन गया है. पुल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने स्मारक सिक्के और टिकट भी जारी किए. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज का ये कार्यक्रम भारत की एकता और भारत की इच्छाशक्ति का विराट उत्सव है. माता वैष्णो देवी के आर्शीवाद से आज वादिए कश्मीर भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ गई है. हम कहते आए हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी और ये अब रेलवे नेटवर्क के लिए हकीकत बन गया है. थोड़ी देर पहले मुझे चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का लोकार्पण करने का अवसर मिला और आज ही दो नई वंदे भारत ट्रेनें जम्मू-कश्मीर को मिली है. इसके साथ ही 46,000 करोड़ रुपए के परियोजना जम्मू-कश्मीर के विकास को नई गति देगी.”

‘एफिल टॉपर से भी ऊंचा है ये ब्रिज’

पीएम मोदी ने कहा, “ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि इस प्रोजेक्ट ने हमारे कार्यकाल में गति पकड़ी और हमने इसे पूरा करके दिखाया. रास्ते में आने जाने की मुश्किलें, मौसम की परेशानी, लगातार पहाड़ों से गिरते पत्थर, ये प्रोजेक्ट पूरा करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमारी सरकार ने चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना है. चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है..ये ब्रिज, एफिल टॉपर से भी ऊंचा है. अब लोग चिनाब ब्रिज के जरिए कश्मीर देखने तो जाएंगे ही, साथ ही ये ब्रिज भी अपने आप में एक आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा.”

‘भारत की शक्ति का जीवंत प्रतीक है ब्रिज’

पीएम मोदी ने कहा, “हमारा अंजी ब्रिज इंजीनियरिंग का बेहतर नमूना है. ये भारत का पहला केबल-सपोर्टेड रेलवे ब्रिज है. ये दोनों ब्रिज सिर्फ ईट, सीमेंट, स्टील और लोहे के ढांचे नहीं है बल्कि ये पीर पंजाल की दुर्गम पहाड़ियों पर खड़ी भारत की शक्ति का जीवंत प्रतीक है. चिनाब ब्रिज हो या फिर अंजी ब्रिज हो ये जम्मू-कश्मीर की समृद्धि का जरिया बनेंगे. इससे टूरिज्म तो बढ़ेगा ही इकोनॉमी के दूसरे सेक्टर्स को भी लाभ होगा. जम्मू कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी दोनों क्षेत्रों के कारोबारियों के लिए नए अवसर बनाएगी. इससे यहां की इंडस्ट्री को गति मिलेगी. जम्मू-कश्मीर, मां भारती का मुकुट है. ये मुकुट एक से बढ़कर एक खूबसूरत रत्नों से जड़ा हुआ है. ये अलगअलग रत्न, जम्मू कश्मीर का सामर्थ्य हैं. यहां की पुरातन संस्कृति, यहां के संस्कार, यहां की आध्यात्मिक चेतना, प्राकृति का सौंदर्य, यहां की जड़ी बूटियों का संसार, फलों और फूलों का विस्तार, यहां के युवाओं में जो कौशल है वो मुकुट मणि की तरह चमकता है.”

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