Home राज्यDelhi छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ः 2.4 करोड़ रुपए की नकली NCERT की किताबें जब्त, पिता-पुत्र सहित तीन गिरफ्तार

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ः 2.4 करोड़ रुपए की नकली NCERT की किताबें जब्त, पिता-पुत्र सहित तीन गिरफ्तार

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
NCERT books

दुकान से कक्षा 12 की 27 नकली सामाजिक विज्ञान की पुस्तकें बरामद की गईं. पुस्तकों पर एनसीईआरटी के जाली प्रतीक और नकली हस्ताक्षर थे.

New Delhi: दिल्ली पुलिस ने 2.4 करोड़ रुपये से अधिक की 1.7 लाख से अधिक पायरेटेड NCERT की किताबें जब्तकर रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस संबंध में पुलिस ने पिता-पुत्र सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान प्रशांत गुप्ता (48) और उनके बेटे निशांत गुप्ता (26) व अरविंद कुमार के रूप में हुई है. प्रशांत और निशांत की दुकान में पुलिस को असली NCERT पुस्तकों की जगह पायरेटेड पुस्तकों का बड़ा स्टॉक मिला.

मंडोली रोड पर एक दुकान से बेची जा रही थी नकली किताबें

पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने कहा कि 16 मई को पुलिस को मंडोली रोड पर एक दुकान से पायरेटेड NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की किताबों की बिक्री के बारे में एक गुप्त सूचना मिली थी. जिसके बाद रैकेट का पर्दाफाश हुआ. बयान में कहा गया है कि दुकान का संचालन पिता-पुत्र द्वारा किया जा रहा था, जिन्हें हिरासत में ले लिया गया है. डीसीपी ने कहा, “दुकान से कक्षा 12 की 27 नकली सामाजिक विज्ञान की पुस्तकें बरामद की गईं. पुस्तकों पर एनसीईआरटी के जाली प्रतीक और नकली हस्ताक्षर थे, जिससे वे प्रामाणिक प्रतीत होती थीं. एनसीईआरटी द्वारा मौके पर किए गए सत्यापन से पुष्टि हुई कि सामग्री नकली थी और कॉपीराइट अधिनियम का उल्लंघन करती थी.

दिल्ली के अलीपुर के पास हिरनकी से मंगवाई थी किताबें

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि नकली किताबें दिल्ली के अलीपुर के पास हिरनकी के एक गोदाम से मंगवाई गई थीं. इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बताई गई जगह पर छापा मारा और लगभग 1.7 लाख पायरेटेड किताबें बरामद कीं, जिनकी कीमत 2.4 करोड़ रुपये से अधिक है. अरविंद कुमार के स्वामित्व वाले परिसर को किराए पर लिया गया था और पायरेटेड किताबों को स्टॉक करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. अधिकारी ने कहा कि साइट पर एक एनसीईआरटी टीम ने पुष्टि की कि पूरी खेप ने कॉपीराइट मानदंडों का उल्लंघन किया.

करीब 20 साल से बेच रहे थे नकली किताब

पूछताछ के दौरान गुप्ता ने दो दशकों से अधिक समय से अपनी दुकान चलाने की बात स्वीकार की, जिसमें निशांत पांच साल पहले व्यवसाय में शामिल हुआ था. आसान मुनाफे के लालच में दोनों ने आपूर्तिकर्ताओं से पायरेटेड किताबें खरीदनी शुरू कर दीं. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (धोखाधड़ी) और कॉपीराइट अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एमएस पार्क पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई. डीसीपी ने कहा कि पुलिस अब नकली एनसीईआरटी पुस्तकों के निर्माण, वितरण और बिक्री में शामिल पूरी आपूर्ति श्रृंखला का पता लगाने के लिए जांच का दायरा बढ़ा रही है. इसमें अवैध प्रिंटिंग प्रेस, परिवहन बिचौलियों और थोक वितरकों या स्थानीय विक्रेताओं द्वारा संभावित मिलीभगत की पहचान करना शामिल है.

ये भी पढ़ेंः सावधानः आपके घर में घरेलू नौकर के रूप में चोर तो नहीं! 5 गिरफ्तार, गर्लफ्रेंड के जरिए पकड़ा गया मास्टरमाइंड

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?