Cyber fraud: दिल्ली पुलिस ने अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ कर 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरोह ने 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है.
Cyber fraud: दिल्ली पुलिस ने अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ कर 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरोह ने फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए कई राज्यों के लोगों से 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है. नेटवर्क के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यह कार्रवाई 14 जून को एक व्यक्ति की शिकायत पर हुई है.पीड़ित ने एक फर्जी निवेश वेबसाइट के जरिए 49.35 लाख रुपये गंवा दिए थे. पुलिस ने कहा कि आरोपियों से जुड़े बैंक खातों की जांच से कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में 67 से अधिक साइबर अपराध का पता चला. पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि एक महिला ने सबसे पहले एक मैसेंजर पर उससे संपर्क किया था, जिसने उसे एक वैध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करने के लिए राजी किया था, लेकिन वह एक धोखाधड़ी निकली.
फर्जी बैंक खातों का उपयोग करता था गिरोह
पुलिस ने लेन-देन को ट्रैक किया और 20 नवंबर को चार आरोपियों अतुल कुमार (34), वर्षा शर्मा (35), अजय शर्मा (28) और एक 54 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया. पुलिस ने बताया कि सिंडिकेट आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के दस्तावेजों का उपयोग करके फर्जी बैंक खाता खोलता था. इन खातों का उपयोग धोखाधड़ी से प्राप्त आय के लिए किया जाता था. गिरोह के संचालक अजय शर्मा ने ऐसे कई खातों की व्यवस्था की. जिससे रैकेट के अन्य सदस्य इन खातों का उपयोग करते थे. पुलिस ने कहा कि अतुल कुमार और वर्षा शर्मा के पास खच्चर खाते पाए गए. इन खातों में ठगी के 3.69 लाख रुपये पाए गए. उधर, दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ एक विशेष अभियान के तहत दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में 42 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर कई अंतर-राज्यीय धोखाधड़ी मॉड्यूल में शामिल होने का आरोप है.
ऑपरेशन साइहॉक के तहत छापेमारी
आरोपियों ने पीड़ितों से 254 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की. ऑपरेशन साइहॉक के तहत छापेमारी के दौरान ये गिरफ्तारियां की गईं. पुलिस ने कहा कि 23 एफआईआर दर्ज की गईं और 377 एनसीआरपी शिकायतें आरोपियों से जुड़ी पाई गईं. छापेमारी के दौरान कुल तीन लैपटॉप, दो कंप्यूटर सिस्टम, 43 मोबाइल फोन, 17 पासबुक, दो चेक बुक, 14 डेबिट कार्ड और 1.6 लाख रुपये नकद बरामद किए गए. पुलिस ने कहा कि कार्रवाई का उद्देश्य एटीएम धोखाधड़ी, ‘डिजिटल गिरफ्तारी’, नौकरी-धोखाधड़ी , डिजिटल-मार्केटिंग धोखाधड़ी, यूएसडीटी-आधारित लॉन्ड्रिंग, चेक-निकासी सिंडिकेट और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में संचालित बड़े खच्चर-खाता नेटवर्क में शामिल मॉड्यूल थे. पुलिस को जांच में किशनगढ़ में चार निजी बैंक खातों में संदिग्ध गतिविधि का पता चला.
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