Home राज्यDelhi 40 लाख रुपए हुए खाक, नोट पर लिखा था ‘मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया’, 4 को दबोच कर पुलिस ने ऐसे सुलझाई गुत्थी

40 लाख रुपए हुए खाक, नोट पर लिखा था ‘मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया’, 4 को दबोच कर पुलिस ने ऐसे सुलझाई गुत्थी

by Sanjay Kumar Srivastava
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पुलिस ने खुफिया जानकारी इकट्ठा की. गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए इग्नू रोड के पास सैदुलाजाब में एक फ्लैट पर छापा मारा गया, जहां निखिल, प्रिंसपाल और परवेज़ को गिरफ्तार किया गया.

New Delhi: दिल्ली पुलिस ने करोड़ों रुपए के नकली नोटों के बंडल के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति को संपत्ति खरीदने के लिए 40 लाख रुपए नकद की जरूरत थी. इसके लिए व्यक्ति ने कुछ लोगों से संपर्क किया. जालसाजों ने व्यक्ति से कहा कि उसे 40 लाख नकद मिल जाएंगे, लेकिन हमारे बैंक खाते में 40 लाख ट्रांसफर करने होंगे. इस पर पीड़ित व्यक्ति ने जालसाजों के खाते में 40 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर इग्नू रोड के पास सैदुलाजाब में एक फ्लैट पर छापा मारा. पीड़ित व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसे 40 लाख रुपए नकद दिए गए थे. सभी पर भारतीय रिजर्व बैंक के बजाय “मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया” लिखा हुआ था.

1.25 करोड़ के नकली नोट और नकदी गिनने की मशीन बरामद

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने कहा कि कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 1.25 करोड़ रुपए के नकली नोट, 7.5 लाख रुपए नकद, बैंक खाते में जमा 4.5 लाख रुपए, एक नकदी गिनने की मशीन और अपराध में इस्तेमाल किया गया एक मोबाइल फोन बरामद किया गया. अधिकारी ने बताया कि 6 जुलाई को एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी कि उसके साथ 40 लाख रुपए की ठगी हुई है. पीड़ित ने बताया कि उसने संपत्ति खरीदने के इरादे से यह रकम जुटाई थी और कुछ लोगों से मिला, जिन्होंने दावा किया कि अगर वह अपने बैंक खाते से रकम ट्रांसफर कर दे, तो उसे ज़रूरी नकद मिल जाएगी. 4 जुलाई को पीड़ित सीआर पार्क स्थित एक फ्लैट में आरोपियों से मिला. वहां कई लोग मौजूद थे और उन्होंने उसे नकदी जैसे दिखने वाले बंडल दिखाए. उन पर भरोसा करके पीड़ित ने उनके बैंक खाते में 40 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. डीसीपी ने कहा कि बदले में उसे कथित तौर पर नकदी से भरा एक बैग दिया गया, जिसकी गिनती भी उसके सामने कैश काउंटिंग मशीन से की गई थी. हालांकि, घर पहुंचकर बैग खोलने पर उसने पाया कि उसमें नकली नोट थे और उस पर “मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया” छपा हुआ था.

पुलिस ने सैदुलाजाब में मारा छापा

पीड़ित की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया और पुलिस टीमों ने सीआर पार्क और आस-पास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की. आरोपियों ने पीड़ित से संपर्क करने के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड कॉल का इस्तेमाल किया था. आखिरकार टीम ने एक विशिष्ट बैंक खाते से पैसे के लेन-देन का पता लगाया और खुफिया जानकारी इकट्ठा की. 9 जुलाई को एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए इग्नू रोड के पास सैदुलाजाब में एक फ्लैट पर छापा मारा गया, जहां निखिल, प्रिंसपाल और परवेज़ को गिरफ्तार किया गया. डीसीपी ने कहा कि अगले दिन जब असगर खान फ्लैट पर पहुंचा तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के अनुसार, धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए गिरोह कई कमरों वाला एक फ्लैट किराए पर लेता था. एक कमरे में नकली नोटों के बंडलों से भरा एक ट्रंक होता था, जबकि दूसरे कमरे में एक बिस्तर होता था जिसमें एक गुप्त छेद होता था. एक मेज पर नकदी गिनने की मशीन रखी होती थी. बदली वाले दिन, ग्राहक को ट्रंक से असली नोटों के बंडल दिखाए जाते थे.

कई लोगों को ठगने की बात स्वीकारी

पुलिस ने बताया कि ग्राहक का विश्वास जीतने के लिए इन बंडलों की गिनती मशीन से की जाती थी. फिर गिने हुए नोटों को चुपचाप बिस्तर पर बैठे एक अन्य आरोपी को दे दिया जाता था, जो छिपे हुए छेद से असली नोटों के बंडल डाल देता था. डीसीपी ने कहा कि नीचे बैठा एक आरोपी उन्हें निकाल लेता था और नकली नोटों को वापस ट्रंक में घुमा देता था. लगभग 15 असली नोटों के बंडलों को बार-बार घुमाने से यह चाल कामयाब हो जाती थी, जिससे यह बड़ी मात्रा में असली पैसे जैसा प्रतीत होता था. सौदा तय होने के बाद ग्राहक को नकली नोटों से भरा एक बैग थमा दिया जाता था और उसे कुछ दूरी पर छोड़ दिया जाता था. इसके बाद आरोपी जल्दी से किराए के परिसर को खाली कर देता था. पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई लोगों को ठगने की बात स्वीकार की.

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